Jyoti Priyadarsini Sahoo

Drama Romance

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Jyoti Priyadarsini Sahoo

Drama Romance

तुम जो मिले-3

तुम जो मिले-3

2 mins
229


Part:-3(छोटी सी सृष्टि)

दूसरे तरफ़ शायद रागिनी को ये फील हो चुका था कि सृस्टिक साथ कुछ तो गलत हुआ है। वो बस यही सोच री थी कि तभी,"किस सोच में डूबे हो मैडम जी।" हमेशा की तरहा विजय मजाक उड़ाते हुए बोल पड़े। रागिनी बोली,"सृस्टि नहीं खाई है अब तक।" "अच्छा!ऐसा क्यों? हमेशा से तो बड़ी गरब से बोलती मेरी बेटी मेरी सुनेगी।" विजय नकल करते हुए बोल पड़े। पर रागिनी खामोश रही। उसकी उदासी उसके चेहरे पे साफ साफ पता चल रहे थे। रागिनी से कुछ जवाब ना पाकर विजय भी गंभीर हो गए और बोले,"तो तुमने भी अब तक नहीं खाया।" रागिनी हड़बड़ा कर बोलो, "छोड़िये वो सब, वो खा लेगी और में भी।" उसकी आवाज भी उसके मन की बात छुपाने में इसका साथ दे रहा था। रागिनी को पटक नहीं क्यों पर आज कुछ भी बात विजय को को बताने का मन नहीं था। वो काम के बहाने विजय से दूर हुई पर काम करते बक्त भी वो सोचने लगी .............

जब सृष्टि छोटी थी, सब उसको श्री कह कर बुलाया करते थे और वो चिढ़ जाती थी। हमेशा स्कूल से आने के बाद उछल कूद कर स्कूल की सारी बाते बताती। फिर रागिनी के गोद मे कोई छोटे खरगोश की तरहा सो जाती। बचपन से ही मा का इतनी करीब रहा है कि बेस्ट फ्रेंड की कोई जरूरत ही ना पड़ा। आज भी रागिनी के पास सृस्टि के कुछ यदि अभी भी ताज़े है। फिर जब बड़ी हुई तो क्यों इतना बदल गयी- क्यों कोई बात माँ को नही बताती। माँ को न बताये तो भी ठीक है पर इतनी परेशानी में क्यों रहती है।

 एक ही सांसों में सोच गयी और सोच से टैब बाहर आई जब उसके हाथों से एक गमला छूट कर नीचे गिरा। रागिनी जल्दी से उसे समेट ने लगी।


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