तुम जो मिले-6
तुम जो मिले-6
Part:-6(switch off phone)
सोचते सोचते सृस्टि की होतो पे एक प्यारी सी मुस्कान आ गयी। फिर वो टेबल पर रखे टेडी(teddy) को देखी जो रोशनी उससे दी थी। सृस्टि उसे देखे बोली, “कितना अच्छा था न वो दिन सब। ना कोई राजवीर ना राहुल, सिर्फ तू और में। हं राहुल तेरे लिए तो सही है पर मैने राज को चुन कर क्या गलती कर दी ?” ये बात बोलते बोलते सृस्टि की आवाज में वो सुबह बाली उदासी नही था। इतने में दरबाजे से से चुपके से रोशनी आयी और उस3 चौका दी। सृस्टि भी चौक उठी और रोशनी हँसने लगी। सृस्टि को अपने आंखों के सामने सृस्टि को देखे ऐसा लगा जैसे कोई सपनो की पारी को याद करो तो वो सामने आ गयी। खुसी से सृस्टि रोशनी को गले लागली। रोशनी बोली, “अरे क्या हुआ, ऐसे खुस हो री है जैसे बहुत दिन बद्वमिले है, कहने को तो तेरा फ़ोन स्विच ऑफ(switch off) है, मुझे लगा कोई परेशानी है। पर तु तोबाड़ी मजे से कही खोई हुई है।” सृस्टि बोली, “हैं रे आज ऐसा ही लग रहा है जैसे तीन साल पहले बाली रोशनी से मिल री हूँ।”
रोशनी कुछ समझ नही पायी और बोली, “कल ही तो मिले थे ...... छोड़ तू और तेरी ये पागलो जैसी बातें। बता फ़ोन क्यों स्विच ऑफ (switch off) है ...... पता है तेरे भी और में कबसे try कर रहे है।” सृस्टि आर पी हाथ रख ली,“ओह, sorry sorry में switch on करना ही भूल गयी, चार्ज भी नही था ना इसीलिए।” “राहुल कितना परेशान हुए होगा ना।”सृस्टि रोशनी को चिढ़ाते हुए बोली।“हं तुझे तो सिर्फ राहुल का परवा है में तो कुछ हूं नही तेरा।” रोशनी झूटी नाराज़गी दिखाते हुए बोली। “हं मुझे सिर्फ राहुल का परवा है, वेसे तू तो कभी मेरी परवा नही करती जरूर राहुल ही भेजा है, है ना। My cute bro..” “ओह हेलो में भी कुछ काम से आई हूं नही तो में तेरे बारे में क्यों सोचु मेरा राहुल है ना।” अबकी बार रोशनी भी चिढ़ाते हुए बोली। “रोशनी की बच्ची, बचेगी नहीं तू, अच्छा बोल क्या काम है” सृस्टि अपनी नकली गुस्सा को कम करते हुए बोली।