टाल्या का संघर्ष
टाल्या का संघर्ष
सुप्रसिद्ध अंग्रेज अभिनेता ' टाल्या' के स्वास्थ्य एवं सौंदर्य से प्रभावित होकर, डायरेक्टर ने उसे रंगमंच पर पहुँचा दिया ,लेकिन उस बेचारे को न ठीक ढंग से बोला गया न ठीक ढंग से नाचा गया अर्थात पूरा का पूरा अभिनय बेकार चला गया। डायरेक्टर ने जितने ही उत्साह से उन्हें मौका दिया था उतने ही निरुत्साहित होकर उसे झिड़क कर रंगमंच से नीचे उतार दिया । फिर बाद में कई लोगों की सिफारिश के कारण एक बार फिर ' मिस्टर टाल्या महोदय ' को मौका दिया गया ।लेकिन वह पिछली बार की तरह इस बार भी उम्मीदों पर खरा न उतर सका अर्थात वह इस बार भी असफल रहा।
डायरेक्टर ने डाँटकर कहा " अब दोबारा यहाँ आने का प्रयास मत करना।" पता नहीं कैसे - कैसे लोग यहाँ आ जाते हैं ? सब रंगमंच पर ही किस्मत आजमाना चाहते हैं।
लेकिन 'टाल्या' फिर भी हिम्मत नहीं हारा ।वह दूसरे जगह पके रंगमंच पे फिर से वापसी की बिल्कुल नये सिरे से ,कुलियों जैसे सामान उठाने के छोटे- छोटे पार्ट अदा करते -करते पता ही नहीं चला कि वह कब सुप्रसिद्ध अभिनेता बनकर उभर गया ।
किसी ने इंटरव्यू में उससे पूछा- " तुम्हारी सफलता का राज या रहस्य क्या है? तो पता है उसने हँसते हुए कहा साथ में उत्साहपूर्ण मनोबल की आभा चमक रही थी उसके चेहरे पर" जितनी बार गिरो- पूरी उत्साह से उतनी बार उठो, यह सिद्धान्त स्वीकार कर लो तो आप भी निश्चितरूपेण सफलता का स्वाद चख सकेंगें।