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Brijlala Rohanअन्वेषी

Inspirational

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Brijlala Rohanअन्वेषी

Inspirational

प्रतियोगिता

प्रतियोगिता

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ग्राम दौलतपुर में पहली बार क्षेत्रीय कुश्ती प्रतियोगिता होने वाली थी ,जिसमें जिला स्तर पर खेलने के लिए खिलाड़ियों का चयन होने वाला था । पुसपेंदर सुबह ही यह खबर पढ़ा और सुकून की साँस ली इसका कारण था कि वह अपने आस- पास के क्षेत्रीय कुश्ती के दंगल में अव्वल आता था लेकिन उसे अभी तक उचित प्लेटफार्म नहीं मिल पाया था जिससे अपनी प्रतिभा को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोहा मनवा सके तथा देश का नाम रौशन कर सके ।

पुसपेंदर एक बहुत ही निम्न वर्गीय परिवार से आता था उसके पास संतुलित आहार भी मयस्सर

नहीं था जिससे अपनी वह डाइट मेंटेनेंस कर सके ।बस ! उसके पास एक भैंस थी उसकी का वह दूध निकाल सुबह- शाम पीता और घर के रूखी - सुखी भोजन और रोटी और मोटे अनाज खाकर बलिष्ठ शरीर बना लिया था ,वज्र की तरह विशाल और दृढ। 

हाँ ! तो अंतत: प्रतिक्षा की घडियाँ समाप्त आ गया आज दंगल का दिन जिसका सबको खासकर पुसपेंदर को जिसे बड़ी बेसब्री से इस दिन का इंतजार था ।

प्रतियोगिता शुरू हुई पुसपेंदर पहले ही राउंड से लगातार बढ़त बनाते हुए प्रतियोगिता को बड़े अंतरों से जीत गया और जिला स्तर के लिए चयनित हो गया ।इसपर उसके माँ- पिताजी भी बहुत खुश हुए और पुसपेंदर के भी आँखों से आँसु निकल आए जो प्रतिभा और जीत की असली खुशी की प्रतिक थी ।

  


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