तोहफा
तोहफा
रानू तुम अमेरिका से कब आ रही हो संजू ने अपनी बहन से पूछा भाई में अगले हफ्ते आ रही हूँ। मीता भी उसी समय पहुंचेगी। संजू कुछ परेशान था। उसकी दोनों बहन शादी के बाद विदेश में रह रही थी। अभी उसका भी विदेश जाना आवश्यक हो गया क्योंकि उसकी कम्पनी की एक नयी ब्राचं कनाडा में खुली थी। मां अपना देश छोड़ना नहीं चाहती थी। पापा की मृत्यु के बाद सब कुछ मां का दिया हुआ था क्योंकि मां की नौकरी बहुत अच्छी थी वह डिग्री कालिज में हिन्दी की प्रोफेसर थी। अभी वह रिटायर भी नहीं हुई थी इतनी छोटी उम्र में पति का जाना बहुत बड़ी दुर्घटना थी। तीन छोटे छोटे बच्चे उस पर एक अकेली खूबसूरत महिला। बहुत समस्याओं को झेलते हुये अपने बच्चों को उच्च शिक्षित बनाना आसान काम नहीं था पर शकुन ने कुशलता से सब संम्भाला।
हां इन कठिनाइयों में उनके सहयोगी बने उनके साथ के प्रोफ़ेसर गर्ग जो शकुन के पति के मित्र भी थे। उनकी पत्नी शादी के बाद ही उनसे अलग हो गयी थी क्योंकि उनके पिता का देहान्त बहुत जल्दी हो गया था और मां व दोनों बहनों की जिम्मेदारी उन पर थी पर उनकी पत्नी को यह बात समझ नहीं आई क्यों वह अमीर बाप की नकचढ़ी सन्तान थी। दोनों बहनों की शादी कर दी। मां ने बहुत कोशिश की कि प्रोफेसर गर्ग शादी कर लें पर वह तैयार नहीं हुये। बस सबके दुख सुख के साथी रहे। वह शकुन की हर परेशानी में साथ रहे। बच्चे शुरु से ही उनसे बहुत प्यार करते थे। तीनों बच्चों ने आपस में विचार करके तय किया की मां को एक अमूल्य तोहफा दिया जाये। सब एक साथ मिल कर प्रोफेसर गर्ग से मिले और अपने मन की बात कही कि अंकल मां ने बहुत दुख झेले हैं। हम चाहते हैं कि मां को हम कुछ तोहफा दे सके आप उनके सच्चे मित्र हो आप से अधिक मां को कोई नहीं समझता। आप उनको हमेशा के लिये साथी बना लीजिये। कल वेलेन्टाइन डे है शायद इससे बढ़िया उनके लिये और कोई दिन नहीं। प्रोफेसर गर्ग ने तीनों बच्चों को गले लगा लिया और चल दिये अपनी मित्र को नये सम्बन्ध को तोहफा देने के लिये।