शारदा जी शांति से दरवाजे से सटकर चुपचाप उनको जाते हुए देखती रहीं शारदा जी शांति से दरवाजे से सटकर चुपचाप उनको जाते हुए देखती रहीं
अपनी उस अनपढ़ गुरू को कभी भुला नहीं पाऊँगी। अपनी उस अनपढ़ गुरू को कभी भुला नहीं पाऊँगी।
मेरे लेखन की शुरुआत मेरे लेखन की शुरुआत
कुछ और हो ना हो पर हर साल कम से कम पंद्रह दिन का लॉक डाउन तो होना ही चाहिये! कुछ और हो ना हो पर हर साल कम से कम पंद्रह दिन का लॉक डाउन तो होना ही चाहिये!
उसने हाथ में पकड़े हुए पत्र को खोल कर पढ़ना शुरू किया। उसने हाथ में पकड़े हुए पत्र को खोल कर पढ़ना शुरू किया।
“आपकी पत्नी बहुत भाग्यशाली हैं कि इतनी सुनसान सड़क पर भी कुछ लकड़हारों ने इन्हें देख लिया और हमें बता ... “आपकी पत्नी बहुत भाग्यशाली हैं कि इतनी सुनसान सड़क पर भी कुछ लकड़हारों ने इन्हें द...