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Mahak Garg

Children Stories

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Mahak Garg

Children Stories

टिफ़िन बोक्स

टिफ़िन बोक्स

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बात उन दिनों की है जब मैं स्कूल में पढा करती थी । मुझे आज भी वो दिन अच्छे से याद है । साइंस का लेसन चल रहा था । पर पढ़ने में ध्यान था किसका, सब लोग रिसेस होने का इंतजार कर रहे थे । अब इंतजार खत्म हुआ । रिसेस की घंटी बजी और सभी बच्चे क्लास के बाहर निकल गए । हम सब हाथ धोकर वापस आए और बस लंच बोक्स खोलने ही वाले थे कि इतने मे वहां ड्राइंग की टीचर आई और कहा कि मदर्स डे के उपलक्ष्य में स्कूल में बुके मेकिंग और ग्रिटींग कार्ड मेकिंग प्रतियोगिता है और सबको उसमे भाग लेना है । मै यह सुनकर बहुत खुश थी पर मुझे बुके बनाना नहीं आता था तो मैंने सोचा कि घर जाकर मम्मी से सीख लूंगी ।

यह सब सोचते-सोचते मैंने अपना टिफ़िन खोला । उस दिन मम्मी ने मेरी मनपसंद आलू-गोभी की सब्जी बनाई थी और साथ मे आचार की खुशबू और साथ मे दो टाफी भी दी थी । मै यह देखकर बहुत खुश हो गई और मुझे मम्मी की याद आ गई । मैं जल्दी घर जाना चाहती थी । 

मैने खाना खाया और हाथ धोने चली गई । तभी रिसेस खत्म होने की घंटी बज गई । हम सब क्लास में आकर बैठ गए । हमारा पांचवा लेसन शुरू होनेवाला था पर हमे पता चले कि सर नहीं आए है तो हम सब प्लेग्राउंड में चले गए ।

वहां जाकर हम वाॅलीबाॅल खेलने लगे पर मुझे मम्मी की याद आ रही थी । मै सोचने लगी कि मदर्स डे पर मै उन्हें क्या तोहफा दू । तभी अचानक उनके बारे में सोचते सोचते मैने अपनी मम्मी पर चार पंक्तियाँ लिख दी जो कि कुछ इस प्रकार थी -

"हर सुख मे मुझे याद रखने वाली ,

हर दुख में मेरा साथ देने वाली ,

हर राह पर मेरा हाथ थमाने वाली ,

तू ही है माँ , तू ही है ।"

मुझे ये पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी । मुझे यकीन नही हुआ कि ये पंक्तियाँ मैने लिखी है । मै घर पहुँची पर इस लघु कविता के बारे में मैने किसी को नही बताया । मै पूरा दिन इसी के बारे मे सोचती रही । मैने रात तक एक पेज लम्बी कविता लिख दी । अपनी मम्मी को देने के लिए मुझे एक बहुत अच्छा तोहफा मिल गया था । मुझे उम्मीद थी कि वह उन्हें बहुत पसंद आएगी ।

मैने प्रतियोगिता के लिए मम्मी से गुलदस्ता बनाना भी सीख लिया था। अगले दिन मै स्कूल गई और मम्मी के लिए मैने एक अच्छा सा गुलदस्ता और ग्रिटींग बनाया और मैने ग्रिटींग मे ही अपनी कविता भी लिख दी । मैने घर जाकर मम्मी को वो तोहफा दिया । उन्हें मेरा गुलदस्ता और उससे भी ज्यादा मेरी कविता पसंद आई । मुझे बहुत खुशी हुई । और बस यही से मेरा कविता लेखन का सफर शुरू हो गया।


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