तनोटमाता
तनोटमाता


दोस्तों,आज मै आपसे राजस्थान के जैसलमेर स्थित तनोट माता के मंदिर की चर्चा करना चाहूँगी।
चारण साहित्य के अनुसार तनोट माता हिंगलाज माता का अवतार हैं।मंदिर की सीमा पाकिस्तान की बॉर्डर से लगी हुई है।
भारतीय सीमा सुरक्षा बल के जवान इस मंदिर की देखरेख करते हैं।
तनोट माता का जन्म विक्रम संवत 808 में हुआ था । माता ने वहाँ आम जनता के लिए बहुत सारे चमत्कार दिखाए और जन कल्याण के कार्य किये।
जैसलमेर के लोगों की इस मंदिर के प्रति गहरी
आस्था है।
वहां के राजा भाटी तनु राय ने तनोट गढ़ की नींव रखी और तनोट माता का मंदिर बनवाया।
1965 में भारत -पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने यहां करीब 3000 बम गिराए लेकिन आश्चर्य जनक रूप से एक भी बम नहीं फटा और
मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ।
भारत पाकिस्तान युद्ध की स्मृति में यहाँ एक विजय स्तंभ भी बना हुआ है।यह स्तंभ उन वीर सैनिकों की याद दिलाता है,जो शहीद हुए थे।आम जनता को नुकसान पहुंचाने के लिए करीब 450 बम रखे गए थे, वे भी नहीं फटे।।
यह मंदिर जैसलमेर से करीब 130 किलोमीटर दूर है। बस या
कार से यहाँ पहुंच सकते हैं।
मंदिर पाकिस्तान की सीमा से लगा होने के कारण अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। आवश्यक दस्तावेज रखना आवश्यक होगा।