Akshat Garhwal

Action Fantasy Thriller

4.0  

Akshat Garhwal

Action Fantasy Thriller

The 13th अध्याय-6

The 13th अध्याय-6

17 mins
213


वूsssssह, यव कमरा इतना खाली क्यों है?” एलेनोरा वापस उसी मीटिंग रूम में आई थी जो मोटेल के टॉप फ्लोर का सबसे बड़ा कमर था। जहाँ पर सबसे आगे अपनी जगह पर मिस्टर जोस बैठे हुए थे और उनके पास सर में मरहमपट्टी किये हुए रोबर्ट जो एक टैब लिए कुछ देख रहा था।

“बाकी लोग कहाँ चले गए?”

“मैंने उन सभी को कल रात में ही दूसरे देशों में रवाना करवा दिया है ताकि हमारी ये इन्वेस्टीगेशन कुछ रफ्तार पकड़ ले!” मिस्टर जोस ने अपनी कुर्सी से टिक कर कहा

“तो फिर हमें क्या करना है? आपके पास कोई प्लान तो होगा ही”। एलेनोरा ने अपनी कुर्सी संभालते हुए कहा

मिस्टर जोस उठे और जाकर उस बड़ी सी दीवार TV के सामने खड़े हो गए, फिर वे कमरे की बाई ओर गए जहां पर खिड़कियों पर पर्दे लगे हुए थे। उस खाली दीवार के कोने में उन्होंने हाथ लगाया और एक चौकोर सी बटन जैसा हिस्सा अंदर चला गया और उस जगह पर जहां अभी तक एक खाली दीवार थी अब वहां पर एक खुफिया दरवाज़ा बन चुका था। रोबर्ट को इस तरह की चीज़ें देखने की आदत नहीं थी इसलिए उसका मुंह आश्चर्य से खुला से रह गया पर एलेन को जैसे इस बात का अंदाजा था, मुस्कुराते हुए वो मिस्टर जोस के पीछे-पीछे अंदर चली गयी। रोबर्ट ने भी अपना खुला मुँह बैंड किया और एलेन के पीछे चल दिया।

दरवाजा खोलते ही उनके सामने एक बड़ा सा कमरा था जिसकी दीवारें नीले रंग की थी। कुछ टेबल-कुर्सियां लगी हुई थी जिन पर कुछ दस्तावेज, फाइलें और मैप पड़े हुए थे, एक कोने में बड़ा सा मॉडिफाइड(Modified) कंप्यूटर था, सामने दीवार पर कुछ बंदूकें तंगी हुई थी, एक दूसरे कोने में एक वेंडिंग मशीन लगी हुई थी और सबसे आख़िर के कोने में एक पुस्तक की अलमारी रखी हुई थी जहां पर पास में ही एलेनोरा खड़ी हुई थी। और सबसे बड़ी बात; उस कमरे में पहले से ही कुछ लोग काम कर रहे थे

“तो आओ तुम सभी को तुम्हारे नए साथियों से मिलता हूं”। सामने की ही डेस्क पर एक सांवली सी लड़की जिसकी उम्र लगभग 25 साल लग रही थी, एक मैप पर काम कर रही थी जो देखने में न्यूयॉर्क का ही लग रहा था

“ये है हमारी मैपिंग इन्वेस्टिगेटर मिस ‘जुलिया रॉबर्ड’। अभी कुछ ही महीनों से हम इनके साथ काम कर रहे है और में तुम्हें यकीन दिलाता हूं कि इनकी काबिलियत हमारे शक से कहीं ज्यादा अच्छी है”

“आपके बारे में मिस्टर जोस से काफी कुछ सुना है मिस एलेनोरा, मिलकर ख़ुशी हुई!” एक बड़ी सी मुस्कुराहट के साथ जुलिया ने अपना हाथ आगे बढ़ाया

“मुझे भी तुमसे मिलकर खुशी हुई जुलिया” एलेनोरा ने उसका हाथ मिलाया और फिर मिस्टर जोस उन्हें बीच वाली टेबल पर ले आये जहां पर एक भारी से शरीर का आदमी बैठ हुआ एक स्नाइपर राइफल साफ कर रहा था, रंग से काला और ऊपर से उसका चमकता टकला एक दम जंच रहा था

“ये है ‘इथन मूरे’। दो साल पहले अफ्रीका में आयोजित एक सिलेक्शन कैम्प में हमारी मुलाकात हुई थी, उस टाइम तो हमने इन्हें नहीं चुना था पर हम इनके कांटेक्ट में जरूर थे और आज फाइनली ये हमारे साथ एक ऑफिसियल मिशन पर है”।

“उम्मीद है हमारी अच्छी जमेगी” इथन ने एलेनोरा से हाथ मिलाया और एलेनोरा ने एक बड़ी सी स्माइल के साथ जवाब दिया

“मुझे भी यहीं लगता है”

और सबसे आखिर में एक दुबला पतला सा लड़का जिसकी उम्र लगभग 20-25 साल के बीच में रही होगी, उस मॉडिफाइड कंप्यूटर के सामने बैठ हुआ था जिसने सर पर एक पीली टोपी पहन रखी थी

“और ये है हमारे मिस्टर हैकर जो पिछले 10 सालों से हमारे साथ काम कर रहे थे छुप कर पर अब वक्त आ गया है इसे ऑफिशियली CIA जॉइन करने का। यहीं वो शख़्सियत है जिसने सबसे पहले डॉ. रुसेव की मौत पर शक जाहिर किया था और साथ ही इसी ने हमें किसी तरह की सुपरनेचुरल पॉवर के बारे में आगाह किया था।“

इस बार एलेन ने अपना हाथ आगे बढ़ाया, जिस पर वो लड़का मुस्कुरा कर बोला

“फाइनली!....... आपसे मिलकर अच्छा लगा ‘रेड क्वीन’, मेरा नाम है ‘जैक पिज्जा’। आपकी खिदमत में हाजिर” हाथ मिलाते हुए एलेनोरा के चेहरे पर हल्की सी हंसी आ गयी

“क्या तुम्हारा फैमिली नाम सच में ‘पिज्ज़ा’ है? या....” एलेनोरा की बात पूरी होने से पहले ही उसने कहा दिया

“नहीं... में तो एक अनाथ हूँ, अनाथालय में सभी का पूरा नाम था पर मुझे तो पता नहीं था कि मेरे मां-बाप कौन थे। एक दिन। मैंने पिज्जा खाया और वो मुझे बहुत पसंद आया तो मैने अपना सरनेम ‘पिज्ज़ा’ रख लिया” एलेन की नजर वहाँ नीचे पड़े पिज्जा के कलहली बॉक्सेस पर गयी

“तुमसे मिलकर काफी अच्छा लगा जैक, उम्मीद है हम जल्द ही इस केस को सुलझा लेंगे”।

“देखते है मिस एलेन” जैक अपने कंधे उचका कर कुछ असमंजस में बोला और वापस जाकर अपनी जगह में बैठ गया

मिस्टर जोस उन दोनों को लेकर सबसे आगे एक अलग सी टेबल के पास जाकर बैठ गए जो जुलिया के काफी करीब थी। उसके बाद उन्होंने मुँह से सीटी बजा कर सही का ध्यान इस ओर आकर्षित किया

“आज से तुम सब एक टीम हो और आज ही हमें इस केस से जुड़ी एक लीड की जरूरत है ताकि हम किसी तरह एक नतीजे कि ओर बढ़ सके। तो...... लग जाओ काम पर” मिस्टर जोस वहां से जाने लगे पर जाने से पहले अपनी टीम की ओर देखकर पूछे “ कोई सवाल?” और उनके इतना बोलते ही सारे नये मेम्बेर्स के हाथ ऊपर खड़े हो गए जिसे देख कर बड़े ही अफसोस के साथ उन्होंने अपने सर पर हाथ फेरते हुए पूछा-“अब क्या पूछना है?”

“ये नमूना कौन है?!” सभी न अपनी उंगली रोबर्ट की तरफ कर दी जो इस समय उस टेबल पर रखा हुआ सैंडविच खाने वाला था, अपना मुँह बड़ा सा फाड़ते हुए वो सैंडविच उसके मुंह के अंदर तक आधा समा चुका था पर सभी की उंगलियां खुद की तरफ देख कर उसने जैसे का तैसा सैंडविच अपने मुंह से निकाल कर वापस प्लेट में रख दिया। और मिस्टर जोस की तरफ ऐसे देखने लगा जैसे कह रहा हो ’भूख लगी थी सर’! एलेन ने उस समय अपनी हंसी को सच में बहुत मुश्किल से रोक कर रखा था, वो बार-बार अपने पास रखे गिलास से पानी पीकर लंबी साँसे भरे जाए रही थी ताकि उसकी हंसी रुक जाए!

थोड़ी ही देर में रॉबर्ट का इंट्रोडक्शन करवा कर मिस्टर जोस वहां से चले गए। उसके बाद जो सब लोग काम पर लगे है तो रुकने का कोई नाम ही नहीं, जैक अपने कंप्यूटर में काफी सारे डॉक्यूमेंट ओपन कर के देख रहा था, जुलिया भी अपना मैप ले जा कर जैक से कुछ बात कर रही थी। रोबर्ट,एथन के साथ बैठ कर कुछ पुराने केस की स्टडी कर रहा था। एलेनोरा ने जैक से बात कर के उससे उन सारी लीडस् की जानकारी निकलवा ली जिससे उसे ये पता चला था कि ये घटनाएं सुपरनैचुरल है साथ ही इससे जुड़े जितने भी लोग शक के दायरे में आते, उन सब की भी एक लिस्ट बनवा कर निकाल ली। उन सभी को देख कर इस लग ही नहीं रहा था कि वे एक नई टीम है बल्कि वे सब तो हैरतअंगेज रूप से ऐसे काम कर रहे थे जैसे सालो ने एक साथ काम कर रहे हों।

“चलो गाइस(Guys) काफी टाइम हो गया है, अब क्या पूरी रात यहीं पर रहोगे!” मिस्टर जोस अंदर इस कमरे में आकर सामने लगी एक कुर्सी पर बैठ गए “क्या हुआ? तुम सब मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो?”

सभी लोग उन्हें ऐसे देख रहे थे जैसे उन्होंने कुछ गलत कह दिया हो, एलेनोरा ने अपने हाथ में थामे हुए उन कागजों को टेबल से ठोंक कर एक समान किया और वहीं रख कर बोली

“आप इतनी जल्दी क्यों वापस आ गए? आपने तो कहा था कि रात तक आएंगे?” एलेनोरा ने एकटक घूर कर पूछा

“मैडम में रात को ही आ रहा हूँ। 7:30 हो रहा है” मिस्टर जोस की बात सुनकर सभी दंग रह गए, सभी काम में इतने मगन थे कि उन्हें टाइम का पता नहीं चला। रोबर्ट तो अभी भी सिर खुजा कर ये बात समझने की कोशिश कर रहा था........

“खैर,.......वो सब छोड़ो। इन्वेस्टिगेशन कुछ आगे बढ़ी?”

“हाँ सर! काफी कुछ नया पता चला है, अभी उसकी रिपोर्ट बताते है” एलेनोरा ने सभी को बैठ ने का इशारा किया पर जैक को आगे आने का इशारा किया “जैक! तुमसे शुरू करते है। बताओ मिस्टर जोस को.......”

जैक ने अपना एक टैब उठाया और आगे गया, मिस्टर जोस के पास खड़े होकर उसने अपनी रिपोर्ट बतानी शुरू की। उसके टैब में एक होलोग्राम फीचर था जिस पर उसने कुछ लगाया और सबसे पीछे की दीवार पर कुछ चित्र चलने लगे

“ये उस बैंक चोरी के बाद कि फुटेज है और ये वो आदमी है जिसने बैंक से सारा पैसा लूटा” जैक ने एक मास्क और हुड वाली नीली जैकेट पहने आदमी की ओर फोकस किया “लूटने के बाद भी ये बड़े ही आराम से बाहर जा रहा है और इसके आसपास भी किसी को कोई शक नहीं हुआ कि आखिर ये व्यक्ति बैंक से इतना बड़ा बैग लेकर अकेला क्यों बाहर निकला? ये वहां से 5 मिनट तक पैदल चला और उसके बाद जाकर एक एंबुलैंस में बैठ गया जिसका नंबर है MH5807! ये मैनहट्टन के रूसेवेट हॉस्पिटल की एम्बुलेंस है और इसकी आखिरी लोकेशन नदी के पूर्वी हिस्से की तरफ जाते हुए दिखी थी पर वहां पर आगे कोई भी CCTV नहीं है इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि वो आखिर गया कहाँ? उससे पहले की चोरियों में भी इसी हॉस्पिटल की एम्बुलेंस का यूज़ किया गया पर वो सब अलग थी, उनके नंबर अलग थे........हाँ, फिलहाल इतना ही पता चला, सबूत के साथ!” वहाँ से हट कर अपनी जगह पर जाते हुए जैक ने अपने आखिरी शब्दों पर जोर दिया

“जब पुलिस ने इस सब की जांच की थी तो उन्हें तो इतना सब मालूम नहीं चला था?” मिस्टर जोस ने कुछ शकि नजरों से जैक को देखा

“क्योंकि जिन रास्तों से वो एम्बुलेंस पूर्वी नदी के पास गई थी वहां पर बहुत ही कम कैमरे थे और बैंक के पास और भी कई एम्बुलेंस खड़ी हुई थी पर जिसमें ये चोर गया उसके सामने एक कांच की दीवार थी जिसमें CCTV में सिर्फ़ 5 ही एम्बुलेंस दिखी, छटवीं वाली नहीं!” एलेनोरा ने मिस्टर जोस की बात का पूरा जवाब दे दिया जिससे मिस्टर जोस काफी इम्प्रेस्सेड(impressed) दिखाई दिए

इसके तुरंत बाद ही एलेनोरा के इशारे पर जुलिया भी आगे आ गयी उसके हाथ में 2-4 नक्शे थे जिनमें से एक को उसने दरवाजे के पास वाली खाली दीवार पर 2 मैग्नेटिक क्लिप से चिपका दिया, ये मेनहट्टन का नक्शा था

“मैनहट्टन के इस बैंक के आसपास जितनी भी बिल्डिंग्स है उन सब के बीच में कुछ खाली जगह है जो गलियों की तरह है जहां पर अक्सर ये लोग कचरे के डिब्बे रखते है। पर चोर ने इन सब चीजों का बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं किया जैसे वो जानता हो कि यहां पर चोरी करकर पकड़ा जाना बहुत ही आसान है? ” जुलिया आगे कुछ कहती कि तभी मिस्टर जोस बोल पड़े

“इसमें कौन सी बड़ी बात है? ये बात तो सभी जानते है कि शहर में काफी जगहों पर CCTV लगे हुए हैं”

“अरे जुलिया!” एलेनोरा अपनी आंख के ऊपर थोड़ा सहलाते हुए कहा “ ये वाला मैप नहीं, दूसरा वाला बताना था जिसपर हमने आख़िर में चर्चा की थी” एलेनोरा की बात सुनते ही जुलिया को ध्यान आया कि वो जो भी बता रही थी वो सब किसी काम का नहीं था? उसका चेहरा शर्म से हल्का लाल हो गया

“जैक, हमें वो मैप दिखाओ जिस पर हमें लीड मिली थी”। जैक ने वापस उसी दीवार पर होलोग्राम चला कर मैप दिखाया जिस पर पर उसने थोड़ी देर पहले ही अपनी रिपोर्ट दिखाई थी

“हाँ तो मैं इस मैप की बात कर रही थी” जुलिया ने अपनी शर्म पर गंभीरता का पोंछा मारा “ मैनहट्टन से आगे की तरफ जहां पर नदी का पूर्वी हिस्सा है, डॉनिंग विलेज के आसपास ही आखिरी बार उसे जाते हुए देखा ही पर क्योंकि उस एरिया में उस समय इलेक्ट्रिसिटी की काफी प्रॉब्लम थी और उस तरफ इतने cctv भी नहीं लगे हुए थे कि हमें पक्का पता चले की वो चोर आख़िर गया कहाँ? पर बडी परेशानी ये है कि यहीं पास में काफी सारा पानी है तो कहीं वो पानी के रास्ते.............”

जुलिया को आगे सोचते हुए देख मिस्टर जोस ने कहा “ ठीक है जुलिया में तुम्हारी बात को समझ गए हूँ, कुछ ओफ्फिसर्स को मैं अभी काम पर डॉनिंग विलेज भेज देता हूँ”

“ वैसे कुछ और भी है क्या बताने को?” मिस्टर जोस ने पूछा

“हाँ, वैसे एक बात तो थी पर...समझ नहीं आता वो कितनी सही है?’ एलेनोरा ने कुछ झिझकते हुए कहा

“बताओ तो सही, जितना ज्यादा पता होगा उतना ही अच्छा होगा”

“हमें लगता है ये जो चोर है..... उसके पास लोगों को बड़े पैमाने पर कंट्रोल करने की पावर है: जो कि बहुत ही बड़ी परेशानी है अगर हमारे शक सही हैं तो!” एलेनोरा की बात ने ना सिर्फ माहौल मृत कर दिया बल्कि एक बार के लिए सभी को सोचने पर मजबूर कर दिए कि अगर ऐसी शक्ति सच में है तो भला हम इसका मुकाबला कैसे करेंगे? पूरा कमर कुछ पलों के लिए शांत ही रहा किसी ने कुछ भी नहीं

कहा...... आखिर मैं मिस्टर जोस ने सभी को वहाँ से जाने को कह दिया, सभी वहां से चले गए। मिस्टर जोस का कहना था कि आज के लिए इतना काफी है, जब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिल जाता हम इस तरह की ज्यादा शक्तियों में विश्वास नहीं कर सकते!

एलेनोरा के सभी नए साथी भी इसी होटल में रुके हुए थे ताकि अपने काम को आसानी से अंजाम दे सकें। बार-बार आना जाना लोगों को शक के दायरे में ला देता है, इसलिए मिस्टर जोस ने सभी को एक ही मोटेल में रखा है। बहुत कम लोगों को ये बात मालूम है कि इस होटल की नींव पिछले CIA हेड, मिस्टर इवान दामित्री ने रखी थी ताकि किसी को इस तरह के मोटेल पर शक न हो कि ये एक CIA का सेकेंडरी हेड क्वाटर भी हो सकता है।

एलेनोरा लिफ्ट में चढ़ कर अपने फ्लोर की ओर निकल गयी अब क्योंकि उसके अलावा सभी का कमरा टॉप फ्लोर पर ही था, वो अकेले ही नीचे जा रही थी। लिफ्ट से निकल कर जैसे ही गलियारे के कोने से उसकी नजर अपने कमरे की ओर पड़ी वहां पर कोई खड़ा हुआ था, यहाँ से एलेनोरा को सिर्फ पीठ दिख रही थी वो अभी थोड़े आगे ही बढी थी कि वो आदमी दीवार से टिक कर सामने देखने लगा............... वो कारलोस था!

वो वहां पर खड़ा पता नहीं कौन से खयालों में खोया हुआ था? उसने एलेनोरा की तरफ ध्यान ही नहीं दिया

“लगता है काफी देर से किसी का इंतज़ार कर रहे हो!” एलेनोरा के चेहरे पर तीखी सी मुस्कुराहट थी जैसे वो कारलोस को परेशान करने के वाली हो। और कारलोस ने उसे अभी भी नहीं देखा था, हैं उसकी आवाज सुनकर जैसे सपने में बोल पड़ा

“हां यार, काफी देर कर दी उस.......नेssssssss ह!” एलेनोरा पर जैसे ही उसका ध्यान गया वो दीवार से फिसल कर जमीं पर गिरने लगा पर आखिर में खुद को संभालते हुए वो वापस उठ खड़ा हुआ। एलेनोरा को अचानक देख कर वो सकपका गया था

“क्या बात है कारलोस, बहुत जल्दी गिर गए!” एलेनोरा की आवाज में चिढ़ाने वाला स्वर था

“नहीं, नहीं वो तो में यहां पर खड़ा तुम्हारा इंतजार कर रहा था और फिर में कुछ और सोचने लगा था” आखिरी के शब्द कारलोस ने बड़े धीरे कहे अजीज़ सांसो को संभाल राह हो

“तो तुम मेरा इंतजार क्यों कर रहे थे?”

“ वो तुमने बताया नहीं था कि तुम वापस कब आओगी और तुम आज सुबह भी काफी जल्दी चली गयी थी”

“तो तुम ये पता करने के लिए मेरा इंतजार कर रहे थे?” एलेनोरा ने निगाहें तिरछी करीं

“नहीं, में तो......ये पूछने के लिए आया था कि अगर तुम आज भी रात को फ्री हो तो क्यों न हम घूमने चले?” इस लग रहा था कि वो कुछ और भी पूछने वाला था पर आगे बोलने से रुक गया

एलेनोरा ने उसे ऐसे देखा जैसे वो उसे कहा जाएगी, बड़ी आंखें और तड़कते चेहरे के साथ। कारलोस तो बहुत ही ज्यादा घबरा से गया जैसे उसने कुछ गलत कह दिया हों, एलेनोरा का एक हाथ हवा में उठा और कारलोस ने तेज़ी से आंखें बंद कर ली........ ‘टप्प’ उसके कंधे पर एलेनोरा का हाथ रखाया

“आधे घंटे में मिलते है, ओके” इतना कह कर मुस्कुराते हुए एलेनोरा अपने कमरे में चली गयी। उसके बाद कारलोस बर्फ की तरह पिघलते हुए जमीन पर बैठ गया, उसने राहत की सांस ली

“कभी-कभी मुझे इसके बॉयफ्रेंड पर तरस आता है” सर ऊंचा कर वो खुद से बोला “वो बेचारा इसको झेलता कैसे होगा?”

न्यूयॉर्क बहुत ही आलीशान शहर है। यहां पर सब कुछ है, किसी भी चीज़ की कमी नहीं है सिवाय एक के........ ‘शान्ति’! शांति नाम की चीज़ यहाँ पर होती ही नहीं है। वैसे ही यहां की चकाचोंध तेज़ है ऊपर से भरी चहल-पहल भी। एलेनोरा और कारलोस गाड़ी से आज रात पूरा शहर घूम रहे थे, तरह-तरह की दुकानें, भवन सब कुछ एक दम फर्स्ट क्लास था। ब्रूकलिन से लेकर मैनहट्टन तक लगभग सारी खाने पीने की दुकानों पर आज रात दोनों की मैराथन चल रही थी, एक भी स्टाल इन दोनों ने नहीं छोड़ा! कभी स्ट्रीट फूड तो कभी बर्बिक्यु, कभी जूस तो कभी कॉकटेल और तो और पीने के बाद दोनों ने लहराते हुए एक सी-फ़ूड के स्टाल वाले के सारे ग्राहकों को ये बोल कर भाग दिया कि ये आदमी लोगों को जिंदा स्क्विड खिला देता है! इतना सुन कर तो लोगों के चेहरे बन गए, जो वहां बैठ कर खा रहे थे वो भी उल्टी करते हुए वहां से निकल गए..................

फ़ूड स्टाल का मालिक अभी इन दोनों को डांटने के लिए गुस्से में आगे ही बड़ा था कि कारलोस और एलेनोरा ने बिना उसे बोलने दिए सारी डिशेज़ आर्डर कर ली और उस फ़ूड स्टाल वाले का पूरा खाना ये दोनों अकेल ही खा गए। वो अपनी छोटी सी आंखे फाड़-फाड़ के इन दोनों को देखत रहा पर आख़िर में उसने इन दोनों को माफ कर दिया क्योंकि उन्होंने उस फ़ूड स्टाल वाले का खाना भी खा लिया और अच्छे खासे   पैसे भी कम लिये।

रात को 12-1 बजे के आसपास ये बेवड़ों की तरह एक दूसरे के कंधों में हाथ डाले, संभालते हुए अपने कमरों तक किसी तरह लिफ्ट के जरिये आये। नीचे रिसेप्शन वाले तो पागल से हो गए थे जैसे कह रहे हों ‘भला ये क्या चल रहा है हमारे मोटेल में’? सब तरफ अफरा तफरी मचा कर किसी तरह लुढ़कते हुए ये दोनों अपने कमरे के पास पहुंचे। एक दूसरे को देख कर हंसते हुए इन दोनों ने अपने कमरों के दरवाज़े खोले और दारू की ध्वनि में अपने अपने बिस्तर गिर कर अंतर्धान हो गए।


पोलैंड

लोकेशन- ???

जगह देखने में भीड़ से अलग थीं, न गाड़ियों का शोर न ही किसी तरह के निर्माण सिर्फ गिनती के घर वो भी काफी दूरी पर। आसपास का इलाका काफी हरा-भरा था, जंगल से प्रतीत होता था पर जंगल था नहीं, बस खाली जमीन पर कुछ घने पेड़ों के झुंड थे। उसी से लगा हुआ एक तालाब और उसके साथ बड़े-बड़े पत्थर, जो देखने में सुंदर तो थे ही उनकी वजह से इस लग रहा था जैसे किसी ने तालाब को आकर्षक बनने के लिए वो पत्थर वहां लगाए थे।

उसी तालाब में काफी हलचल हो रही थी, कुछ हंसी भारी किलकारियां गूंज रही थी

“आह.... नहीं ईव! पानी बहुत ठंडा है, सर्दी हो जाएगी” एक 16-17 साल का लड़का जिसके बाल बहुत छोटे थे, एकदम कटोरा-कट, अपनी दोस्त ईव को तालाब में जाने से रोक रहा था जिस पर ईव ने उस पर पानी उछाल के भिगा दिया

“इतना भी ठंडा पानी नहीं है जैन, तुम तो यूँ ही डर रहे हो”। ईव खिलखिलाते हुए फिर से उस पर पानी उछाला

“नहीं, पानी बहुत ठंडा है। अगर तुम्हें नहाना है तो तुम खुद नहाओ में तो चला” जैन पीछे मुड़ कर जानने लगा

तभी पानी के अंदर से एक गीली-चिपचिपी बेल निकली और जैन को उछाल कर पानी के अंदर फेंक दिया, ‘छपाक!’

“वाsssssss ह, फुर्रsssssss,हाssssह! कितना ठंडा पानी है!” जैन ने पानी से सर बाहर निकाला और कांपते हुए बोला, वहां ईव की हंसी नहीं रुक रही थी और यहाँ जैन का कांपना

“मजा आया जैन! यही होता है जब तुम अपने बेस्ट फ्रेंड की बात नहीं मानते” वो जोर से हंसते हुए बोली उसकी आवाज़ पूरे जंगल में गूंज उठी। यह देख कर जैन का चेहरा गंभीर हो गया, वो अपनी मुट्ठी भिंचते हुए आगे बढ़ा जिसे देख कर ईव कुछ डर सी गयी, उसका हंसना बंद हो गया

“बहुत मजा आ रहा है ना!” जैन अपने दांत पीसता हुआ ईव के करीब आया, गुस्से में उसका चेहरा फड़क रहा था “ तो फिर ये लो!’ उसने अपने हाथ से जोरदार पानी की लहर उठा कर ईव को ठंडे पानी का स्नान करवा दिया। जैन का गुस्से वाला चेहरा अचानक ही मुस्कुराने लगा। अब भला ईव कहाँ रुकने वाली थी, वो दोनों ही उस तालाब में एक दूसरे को पानी भिगा-भिगा कर मजे करने लगे। एक दूसरे को पकड़ कर पानी में फेंकने लगे, उसकी हंसी से ही पूरा का पूरा वातावरण गूंजने लगा

“चलो अब चलते है वर्ना घर वाले हम पर बरस पड़ेंगे” दोनों हंसते हुए वहां से भीगें हुए अपने घर की ओर जाने लगे।

वही पर पास से एक गाड़ी गुजरी जो काफ़ी आगे जाकर रुकी! ईव और जैन तो अपने मजे में अपने घर जा रहे थे। वो दोनों पड़ोसी थे, उनके घर में अंदर जाते ही उस कार में से एक आदमी बाहर आया, काली जैकेट और एक फटी सी जीन्स पहने हुए वो उन दोनों के घरों को ही देख रहा था। उसके हाथों मैं सूखे खून के धब्बे काज हुए थे और उसका चेहरा थोड़ा सा लंबा और रंग हल्का सा पीला था। चेहरे पर अजीब सी क्रूरता भारी मुस्कान थी जिसमें उसकी आंखें छोटी होकर चुप गयी थी। वो देखने में इस जगह का नहीं था, पर उस कार में एक ओर व्यक्ति था जो वही का लग रहा था..... जिसका कटा-फटा से शरीर खून से लथपथ उस के पीछे वाली सीट के नीचे पड़ा हुआ था......



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