Akshat Garhwal

Action Crime

4.5  

Akshat Garhwal

Action Crime

The 13th अध्याय 22

The 13th अध्याय 22

14 mins
666


अपने सालों के कैरियर में अल्बर्ट और उसके साथियों ने काफी दरिंदो का सामना किया था। कुछ फाइटर्स थे तो कुछ बहुत ही बड़े गुंडे थे पर हर बार अल्बर्ट और बोल्डर के लिए उन सभी को हराना और उनकी जान लेना काफी आसान था। लेकिन आज पहली बार अल्बर्ट को इस बात का संदेह हो रहा था कि वो इस ऐरे-गेरे लड़के से हार जाएंगे क्योंकि उनकी सबसे बड़ी ताकत यानी बोल्डर, खून उगले जमीन पर पड़ा हुआ था और अगली बारी उनकी थी............

जैसे किसी खूँखार जानवर के हाथों किसी को मारता देख अपनी जान बचाने के लिए हम किसी भी तरह का हथकंडा अपना लेते है वैसे ही उस वक्त अल्बर्ट के साथियों ने किया क्योंकि उन्हें इस बात का डर से हो गया था कि अब उनकी मौत तय है! बार के सभी लोगों की चहल-पहल बढ़ गयी थी, वे सभी अल्बर्ट और उसके साथियों को मुँह की खाते देखना चाहते थे। शराब की मांग बढ़ते ही बिया और बाकी की वेट्रेस ने लोगों की जरूरतों को पूरा करना शुरू कर दिया। जेसिका जो पहले थोड़ी घबराई हुई थी बोल्डर के गिरते ही गर्व से अल्बर्ट की हार का तमाशा देखने के लिए तैयार हो गयी।

“छोड़ना मत उनको नई लड़के!”

“मेरा बिज़नेस बंद करवा दिया था इस कुत्ते ने, मार इसे!”

“इसकी वजह से मेरी बेटी को मुझे इस शहर से दूर पढ़ने के लिए भेजना पड़ा था, मार,छोड़ना मत इसे!”

“हां, हां... मार इसे!”

इस तरह से लोग चीख-चीख कर कह रहे थे जिस कारण अल्बर्ट के साथी घबरा गए। उन सभी ने अपने कपड़ों में से हथियार निकाले, चाकू, छोटी सी तलवार,छोटा हथौड़ा,कुल्हाड़ी और.....सृजल के ऊपर टूट पड़े.......

पर सृजल के लिए वो लोग बिफराये हुए जानवर से ज्यादा कुछ भी नहीं थे, उनके हथियारों के वार से पहले ही सृजल ने बॉक्सिंग का उपयोग करते हुए सभी को नॉक कर दिया। जितनी उनकी गिनती थी लगभग उतनी ही देर में सृजल ने उन सभी को जमीन के दर्शन करवा दिए.......

“हरामखोर! में तुझे छोड़ूंगा नहीं!” गुस्सा पागलपन की तरह अल्बर्ट के दिमाग पर चढ़ गया था, उसने अपनी गन सृजल की और तान दी और ट्रिगर दबाया। लोगों की आह निकल गयी पर गोली नहीं निकली...! सृजल ने आगे बढ़ कर ट्रिगर के पीछे अपनी उंगली फंस दी थी जिससे ट्रिगर पूरी तरह से दबा ही नहीं! अब अल्बर्ट की फट के हो गयी चार क्योंकि सृजल अब तक उसकी आँखों में एक पागल आदमखोर बन चुका था जिसने अभी अभी 11 हथियार बांध लोगों को हरा दिया था जैसे वो छोटे बच्चे हों। सृजल का चेहरा एकदम लाल से हो गया था जैसे बहुत सारा गुस्सा उसके अंदर उबाल मार रहा था...उसने एक जोरदार मुक्का अल्बेर के चेहरे की तरफ छोड़ा और उस मुक्के में अल्बर्ट को अपनी मौत नजर आ गयी। अपनी मौत का नजारा देख उसकी रूह कांप गयी, वह बाहर से भी कांपने लगा, आंखों में आंसू घिर गए और उसकी वो भयानक हंसी एक दया की भींख मांगती हुई प्रति में बदल गयी। सृजल का मुक्का उसे लगने से पहले ही रुक गया.........

“जाकर जेसिका से माफी मांग ले और सारा कर्ज माफ कर दे वरना!” सृजल ने उसे पास में खींच कर कान में कहा और उसकी बात सुनते ही अल्बर्ट हवा के झोंके की तरह सृजल के पास से भाग कर सीधे जेसिका के पैरों में जा गिरा। उसकी रफ्तार इतनी तेज थी कि सृजल को भी समझ नहीं आया कि आखिर वो कब वहाँ से जा निकला

“जेसिकाssssssssss!...... मुझे माफ़ कर दो” वो जेसिका के पैरों में गिर कर माफी मांग रहा था “तुम्हारा सारा कर्ज माफ कर दिया जाता है और हम तुम्हे कभी भी परेशांन नहीं करेंगे” उसके आंसू से निकल रहे थे, पहली बार मिस्टर अल्बर्ट को इस हालत में देख कर बार का हर एक व्यक्ति हंस रहा था पर यह आखिरी बार ही था जो अल्बर्ट को लोगों द्वारा माफ किया जा रहा था क्योंकि अक्सर ऐसे मामलों में जनता का क्रोध अपराधी को ले डूबता है। जेसिका का चेहरा अब अल्बर्ट के प्रति एक बुलि की तरह खुशी से फूल हुआ दिख रहा था जैसे अभी वो अल्बर्ट को और अपमानित करने की फिराक में थी पर आखिरकर उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया और अल्बर्ट को जाने दिया।

जैसे ही उसे जाने को कहा गया वो तुरन्त ही वहां से गायब हो गया, साथ में अपने साथियों को अनाज की बोरियों की तरह पटका और फुल स्पीड में गाड़ी को भगाता हुआ ले गया। उसकी ये हालत देख सभी ने जश्न का एलान कर दिया, खुशी की और जीत की एक अजीब सी लहर पूरे बार में फ़ैल गयी। जेसिका और रिक ने सृजल को गले लगा लिया और उस रात की शुरुआत से पहले ही जश्न की शुरुआत हो गयी थी।

“यार अभी रात को कहाँ जा रहा है?” जेसिका ने सृजल को रिक के कमरे में लाते हुए पूछा “आज रात यहीं पर रुक जा”

“उसे कोई जरूरी काम है जेसिका और हमे उसके काम में बाधा नहीं डालना चाहिए” रिक ने सोफे पर उसे बिठालते हुए कहा

“क्या यहां पर हमेशा से ही ऊपर की तरफ घर था?” सृजल ने काफी आश्चर्य के साथ पूछा क्योंकि उसे बखूबी याद था कि जब वो यहां पर पॉर्ट-टाइम जॉब करता था तब बार के ऊपर कोई कमरे नहीं थे।

“तुम्हारे जाने के बाद ही इस बार की रिमॉडलिंग करवाई थी” रिक ने जवाब दिया “और वैसे भी बार के ऊपर ही घर होना अच्छा है,इस से धंधे में आसानी होती है”

सृजल ने इस बात पर हामी भरी, वह सहमत था क्योंकि अगर वो इस जगह का मालिक होता तो सबसे पहले इस ही करता।

“वो सब छोड़ो और आज रात यहीं रुक जाओ, प्लीज्!” जेसिका ने प्यार से सृजल को रुकने को कहा

“आज नहीं जेसिका! आज मुझे बहुत जरूरी काम है पर कल पक्का मैं यहीं पर रुक जाऊँगा” सृजल ने उसे मुस्कुरा कर कहा “में अपना काम जल्दी ही खत्म कर लूंगा और फिर हम मिलते है। वैसे भी रात बहुत लंबी है, हो सकता हिअ मेरा काम जल्दी ही खत्म हो जाये और में वापस आ जाऊं’

वैसे तो जेसिका उसे जाने नहीं देना चाहती थी पर उसका काम रुक जाए ये भी नहीं चाहती थी इसलिए उसने उसे जाने से नहीं रोका

“ ठीक है। हम इंतजार करेंगे, इसलिए बिना बताया भाग मत जाना!” जेसिका ने रिक और सृजल को बार के बाहर तक छोड़ते हुए कहा और वापस बार में चली गयी। ज्यादातर लोग बार के अंदर ही थे इसलिए बाहर बहुत ही सन्नाटा था और यहीं यही वक्त था सृजल को अपना काम करने के लिए।

“रिक,चल अब बता दे कि मुझे वो बच्चे कहाँ पर मिलेंगे?” उस शांत रात में कुछ दूर साथ चलते हुए सृजल ने रिक से पूछा

“तुझे वो पुराना वाला एरीना तो याद होगा ही?” रिक ने सृजल को कहा

“इसमें पूछने वाली को सी बात है? इतनी सारी फाइट्स लड़ी है मैने वहां पर” सृजल ने सीधा जवाब दिया “वो बहुत बड़ा कबाड़खाना था पर लोग वहाँ पर मर्सडीज वाले आते थे। वही जाना है क्या?”

“नहीं, वो एरीना तो 2 साल पहले ही बंद हो गया था” सृजल को अपनी तरफ मुड़ता देख रिक मुस्कुराया “ और अब उससे भी बड़ा एक एरीना आ गया है, बस हमें वहीं चलना है”

जैसे ही सृजल रुक उसे सामने काफी सारी गाड़ियां खड़ी हुई दिखी। जिनमे से एक जीप पर सृजल की नजर जा अटकी! यह लाल रंग की ऊपर से काले कपड़े की छत वाली जीप जिसके सामने और ऊपर की तरफ गोल पीली लाइट्स की कतारें लगी हुई थी, सृजल इसे अच्छे तरह से पहचानता था।

“अब तक ये जीप तूने संभाल कर रखी हुई है ?” सृजल ने आश्चर्य से पूछा

“भला अपने बाप की आखिरी निशानी को कैसे बेंच सकता था और वैसे भी अपनी काफी यादें जुड़ी हुई है इस जीप से”

दोनों जल्दी से जीप में बैठे और रिक ने जीप शहर से बाहर की और जाने वाले रास्ते की ओर मोड़ दी।

रिक ने बताया कि पहले वाला एरीना मिटते ही उस एरीना की बॉस मिसेज शार्लेट दिबे(Sharlet Dibey) ने माउंट काला पर अपना एरीना फिर से बना लिया और इस बात की किसी को कानों कान खबर न लगे इसलिए उन्होंने किजिल के कुछ बड़े अधिकारियों को अपने साथ शामिल कर लिया। अब वहाँ पर अंडरग्राउंड फाइट्स से लेकर बार और बहुत बड़े-बड़े ऑर्गनाइजेशन की बैठक होती है जो यहां के काले धंधों का बहुत बड़ा सबूत है। पर इस जगह पर अभी तक कोई भी सवाल इसलिए नहीं उठा है क्योंकि यहां का एक ऐसा मैनेजर है जो इस बात का ध्यान रखता है कि ये गैरकानूनी कारोबार किसी को भी सीधे नुकसान न पहुंचाए और उसकी पहुंच बहुत अंदर तक है!

आधे रास्ते में ही जब जंगल से गुजर रहे थे तो रिक ने जीप की लाइट बंद कर दी और सड़क से कटी हुई एक कच्ची सड़क में गाड़ी को डाल दिया। कुछ आगे जाने पर पहाड़ के तल के पास जाकर उसने गाड़ी रोक दी। सृजल और रिक वहाँ पर उतरे नहीं क्योंकि रिक ने सृजल को जीप के अंदर ही रोक लिया था।

“क्या हुआ?” सराज ने रिक से पूछा “नीचे क्यों नहीं उतारने दे रहा है?”

“देख सृजल वो जगह बहुत खतरनाक है पर में जानता हूँ कि तू पाना ध्यान रख सकता है” रिक थोड़ा सा घबराया हुआ लग रहा था उसने सृजल को एक पुरानी सी हैंडगन पकड़ाई और साथ में एक गत्ते का आयतकार कार्ड जिस पर कुछ भी नहीं लिखा हुआ था “ये गन और ये कार्ड ले, थोड़ी दूर जाने पर तुझे एक झरना मिलेगा और उस झरने के पास इस वक्त एक आदमी खड़ा होगा। उस आदमी को ये कार्ड दिखाना तो वो तुझे एरीना के अंदर तक पहुंचा देगा जहां पर तीन लेवल है- सबसे नीचे जहां पर वो तुझे पहुंचाएगा वहाँ पर एरीना है, उसके ऊपर के लेवल में मैनेजर का आफिस है और सबसे ऊपर वाले में होटल और बार जैसा है। मैनेजर के ही कमरे मइन ही सारे cctv फ़ुटेज हैइसलिए वाहन तक घुसना मुश्किल हो जाएगा पर अगर तू वहाँ तक पहुंच गया तो तुझे वो बच्चे मिल जाएंगे समझो, ठीक!”

उसने एक ही बार में सृजल को उस एरीना के बारे में और अपने प्लान के बारे में सब कुछ बता दिया था।

“ठीक है, अब मैं जाऊं?” सृजल ने दरवाजे पर हाथ रखते हुए कहा

“जा ना बे, पूरी रात जीप में ही गुजारे गा क्या?” मुँह बनाते हुए रिक ने जवाब दिया जिस पर एक बार जाने से पहले दोनों ही मुस्कुराए। सृजल जीप से नीचे उतर और जंगल की और कदम बढ़े ही थे कि वो वापस जीप के कांच के पास खड़ा हो गया और खटखटाया........

“हाँ भाई, अब क्या हुआ?’

“मैनेजर का नाम क्या बताया?” सृजल ने पूछा

“ अरे हाँ! उसका ना सिजार वोल्कोव है” और रिक ने वापस जीप मोड़ी और चला गया

सृजल ने भी अपना रास्ता पकड़ा और आगे चल दिया। कुछ दूर जाने के बाद उसे एक झरना दिखाई दिया। रात के अंधेरे में और चांद की रोशनी से जगमग वो जहरण बहुत ही सुंदर दिख रहा था पर सृजल के पास उसे निहार ने का वक्त नहीं था। जहां पर झरने का पानी गिर रहा था वहाँ पर एक आदमी बैठा हुआ था, चट्टान पर। सृजल उसके पास गया और उसे वो गत्ते का कार्ड दिखाया, वो आदमी काफी बूढ़ा सा दिख रहा था करीब 60-65 साल का जिसने एक मोटे काले फर वाला एक कोट पहना हुआ था। सृजल के कार्ड दिखाते ही वो बूढ़ा आदमी उसे गौर से देखा। सृजल ने एक नीले हुड वाला जैकेट पहना हुआ था जो चैन से पूरी तरह से बंद था, एक काले रंग का लोवर और सबसे जरूरी! उसने अपने चेहरे पर एक मास्क पहन रखा था जिसने उसका मुंह नाक तक ढक रखा था जिसके ऊपर सृजल ने हुड भी पहन हुआ था और उसके बाल माथे को घेरे हुए सामने की ओर थे। सिवाय उसकी आँखों के अलावा कुछ भी नहीं दिख रहा था जिस से उसे पहचानना बहुत ही मुश्किल था। खैर उस बूढ़े आदमी ने सृजल ने कुछ भी नहीं पूछा, वो उसे झरने के अंदर की ओर ले गया जहां पर एक पत्थर की दीवार थी और कुछ भी नहीं। सृजल को समझ ही नहीं आया कि यहां से एरीना तक कैसे पहुंचेगा? तभी वो बूढ़ा आदमी उस दीवार के किनारे गया और वहां पर एक बड़ा सा पत्थर लगा हुआ था। उस पर बुड्ढे ने जैसे हि हाथ रखा वो दीवार किसी लिफ्ट के दरवाजे की तरह खुल गयी और उसके सामने एक बड़ी सी खुली हुई लिफ्ट थी जिसके पास जाली लगी हुई थी और वहां पर एक आदमी खड़ा हुआ था जिसने गार्ड जैसे लाल किले कपड़े पहने हुए थे आश्चर्य से देखता हुआ वो लिफ्ट में जा कर खड़ा हो गया। और उसके बाद उस गार्ड ने एक बटन दबाई और लिफ्ट नीचे की ओर जाने लगी................

                     

सृजल को वहाँ पर आए हुए केवल 15 मिनट ही हुए थे और जो उसके आंखों के सामने था....उस पर उसे यकीन तो हो गया था पर....वो अपनी किस्मत को कोस रहा था कि आखिर को से मुहूर्त में वो अपनी शक्ल लेकर इस मैनेजर सिजार के कमरे में आया था। सिजार तो नहीं मिला पर मुसीबत जरूर मिल गयी!

15 मिनट पहले....................

लिफ्ट से नीचे आने में उसे ज्यादा समय नहीं लगा था पर नीचे आकर उसे जैसी उम्मीद थी, ठीक वैसा ही माहौल था। सिक्योरिटी वाले सारे के सारे गुंडों से कम नहीं लग रहे थे, किसी के बालों का स्टाइल छापरी था तो किसी ने कपड़े ऐसे पहन रखे थे जैसे कि किसी सड़कछाप गैंग के मेंबर हों। पर इस नहीं था कि सभी ऐसे ही थे, वहां पर भी ऐसे गार्ड थे जो एकदम प्रॉफेशनल लग रहे थे, सूट-बूट में। खैर सृजल को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था, सामने ही कई सारे कांच के सेल बने हुए थे जिनके अंदर छोटी मोटी फाइट्स चल रहीं थी जिन पर बाहर खड़े लोग बोली लगा रहे थे। मस्ती भरे माहौल था, शराब भी थी और शबाब भी था। लड़का क्या-लड़की क्या? सभी मस्ती में झूम रहे थे और उनसे भी ज्यादा वो लोग मजे कर रहे थे जो ठीक सामने जो सबसे बड़ा एरीना था वहाँ की फाइट्स पर बोली लगा रहे थे। भीड़ उमड़ी हुई थी, जगह जगह पर एरिना के पास कंप्यूटर से बोली लगाई जा रही थी, पूरा माहौल इस था जैसे जश्न मनाया जा रहा ठाट सृजल कैसे पीछे हटता! उसने भी कुछ घूंट वहां की टकीला पी और लोगों के साथ खड़ा होकर फाइट देखते हुए चीखने-चिल्लाने लगा। अब सृजल एक दम सड़कछाप लग रहा था............

ये सामने का एरीना कोई मामूली एरीना नहीं था, असली ओकटागोन(Octagon) से चार गुना ज्यादा बड़ा था। उसके अंदर लड़ने वाले भी कोई मामूली फाइटर नहीं थे, सृजलके ठीक सामने जो लड़ रहे थे उनमें से एक को तो सृजल खुद पहचानता था- उसका नाम बॉब स्काउट था। 120 किलो के आसपास का अच्छा मोटा-ताजा फाइटर था जो कि किजिल की फायर फ़ोर्स में काम करता था। उसने रेसलिंग की ट्रेनिंग ले रखी थी, देखने में मोटा जरूर था पर उसकी पावर कमाल की थी। अगर सृजल को कोई काम नहीं होता तो वो अपने पुराने दोस्त से जरूर मिलता क्योंकि सृजल और बॉब के बीच में करीब 7 फाइट्स हुई थी जिनमे से केवल 1 सृजल जीत था और वहीं से सृजल ने आगे की सारी फाइट्स जितनी शुरू कर दी थी।

खैर सृजल वाहन की भीड़ से घुलमिलकर कसी तरह से वहां से सीढ़ियों के जरिये ऊपर वाले फ्लोर पर पहुंच गया क्योंकि लिफ्ट से उस पर नजर रखने के लिए एक गार्ड भी साथ में होता। यहाँ मिडल फ्लोर में भी बहुत सारे कमरे थे पर पूरी जगह बिल्कुल खाली लग रही थी शायद नीचे से कोई भी ऊपर नहीं आता था सिवाय VIP के। सृजल ने इस वक्त उन सब चीजों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। उसने सोचा कि शायद ये लोग अपनी शिफ्ट बदल रहे होंगे इसलिए सृजल भागते हुए मैनेजर के कमरे में जा घुसा और अंदर आकर उनसे कुछ भी देखने के बजाय दरवाजा बंद करना ज्यादा सही समझा। पर जैसे ही पीछे की ओर मुड़ा तो उसके तो होश ही उड़ गए.............

उस कमरे में करीब 10-15 आदमी या तो बेहोश पड़े थे या उनका काम तमाम हो चुका था और ऊपर से करीब एक सृजल की ही ऊंचाई का सामान्य से शरीर वाला लड़का जिसने काले रंग की जैकेट और एक धातु का सा दिखने वाला पतला सा काकली चेहरे वाला मुखोटा पहन रखा था। उसकी गन पॉइंट पर मैनेजर सिजार था जिसे उसके टेबल पर आधा लिटा रखा था। अब क्योंकि सृजल और उस काली जैकेट वाले ने अपना चेहरा छुपा रखा था इसलिए दोनों ही जल्दी से सावधान हो गए, सृजल को समझ नहीं आया कि वो क्या करे?

“अरे देख क्या रहा है गार्ड के बच्चे! मार इसे!” सिजार ने ये बात सृजल से कही थी जबकि सृजल तो उसे जनता ही नहीं था और ना ही वो सिजार के लिए काम करता था पर.....सिजार की बात सुनते ही उस काली जैकेट वाले ने तुरंत ही सृजल पर गोली चला दी

“धांय!” पर सृजल सही समय पर नीचे कूदता हुआ टेबल के पीछे छुप गया क्योंकि वो धातु ई टेबल काफी बड़ी और ढंकी हुई थी।

“मैं इस आदमी को जानता.....!” सृजल ने ऊपर उठ कर बात करनेकी कोशिश की पर उस जैकेट वाले ने सृजल पर गोली चला दी पर सृजल जल्दी से छुप गया जी से उसे गोली नहीं लगी। वो जैकेट वाल कोई आम इंसान नहीं था ये तो पक्की बात थी पर अब सृजल के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था जिस से वो सिजार से बात कर सके। उसने बात करने की कोशिश की पर नाकाम रहा ऊपर से वो जैकेट वाला तो अब उसकी जान के पीछे ही पड़ गया था।

आब सृजल के मन में सिर्फ एक ही ख्याल था, उसे बच्चों को बचाना था और उसके लिए उसे सिजार की जरूरत थी। पर अगर इस जैकेट वाले ने सिजार को मार दिया तो सृजल को बच्चों का पता नहीं चलेगा........यह बात उसके मन में आते ही उसने थान लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाये वो सिजार से बात करके रहेगा। चाहे इसके लिए उसे उस जैकेट वाले कि जान ही क्यों न लेना पड़े..............

आपको क्या लगता है आगे क्या होगा? क्या सृजल को बच्चे मिल पाएंगे या वो जैकेट वाला सिजार को मार देगा। सृजल और उस जैकेट वाले के बीच की लड़ाई में जीत किसकी होगी? और आख़िर कौन है ये जैकेट वाला शख्श जिसने इतनी सिक्योरिटी वाली जगह में सिजार को ही मारने के लिए आ गया?

जानने के लिए बने रहिए मेरे साथ हर रविवार। अगर आपको कहानी पसंद आ रही हो तोमुझे फॉलो करना ना भूले....तो फिर मिलते है अगले रविवार को



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