स्वच्छ भारत मिशन
स्वच्छ भारत मिशन
भीम नगर की जिन गलियों में भराभर गर्मी में भी कीचड़ की बजह से निकलना दूभर होता था आज एकदम साफ सुथरी और दोनों तरफ सफेदी डली हुई थी। दे भी क्यों न आज भीम नगर में कैबिनेट मंत्री श्री राम आसरे जी सत्तारुढ पार्टी की "स्वच्छ भारत मिशन" योजनान्तर्गत दलितों को साफ सफाई के बारे में भाषण देने आ रहे थे। डॉ.अम्बेडकर पार्क के आसपास बनी झुग्गी-झौंपड़यों को बढिया किस्म की तिरपाल से ढक दिया गया था।कहीं भी ऐसा नहीं लगने दिया जा रहा था कि भीम नगर के निवासी अभावग्रस्त, गंदगी के दल-दल में मच्छरों से दो-दो हाथ करते मरते-मरते जी रहे हैं।तभी अचानक एकदम फॉर्च्यूनर गाङी से भक्क सफेद कुर्ता-पैजामा के ऊपर काली जाकेट पहने मंत्री जी निकले और सीधे मंच पर जाकर अपनी कुर्सी पर पसर गये।
तमाम वक्ता भीमनगर के लोगों को स्वच्छता का पाठ पढाते रहे। सभी के बोल लेने के बाद संचालक ने माननीय मंत्रीजी को स्वच्छ भारत मिशन के बारे में अपने विचार रखने के लिए माइक पर बुलाया।
करीब आधा घंटा तक मंत्रीजी स्वच्छता का पाठ पढाते रहे और चलते-चलते लोगों से पूछा कि आप लोगों की कोई समस्या हो तो मुझे बतायें।
उपस्थित लोगों में सभी एक-दूसरे की तरफ देख रहे थे। कोई कुछ कहने को तैयार न था।
"मंत्री ...जी ! इसी तरह आप हर सप्ताह आते रहिए।" दीनू काका हाथ जोङकर बोले।
"क्यों? हर सप्ताह आने से क्या मतलब।"
अबकी बार मंत्री जी के स्वर में गर्माहट दिखाई दे रही थी।
"साब!...... आप आते हैं तो गलियों में निकलने भर हो जगह हो जाती है।"
एक ही सांस में दीनू काका ने भीमनगर का दर्द बयां कर दिया था।
