Vikas Sharma

Abstract

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सतगुरु आपका शुक्राना

सतगुरु आपका शुक्राना

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परम श्रद्धेय सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज,

लाल द्वारा,

ध्यानपुर, पंजाब

विषय -सतगुरु आपका शुक्राना

परम श्रद्धेय सतगुरु जी,

सादर चरण वंदना,

गुरु जी मुझे आज भी वो दिन अच्छी तरह याद है जब पहली बार आपके दर पर कदम रखे थे, आपके स्थल का दीदार करते ही ऐसे लगा की ना जाने कितने जन्मों से से एक अटूट सम्बन्ध है मेरा इस जगह से, एक अजीब सी तरंग दौड़ गई थी शरीर में, एक नई ऊर्जा का संचार .......,

जैसे जैसे समय गुजरता गया वक़्त ने जिंदगी की नाव को कई थपेड़े खिलाये -कई बार तो लगा की अब बचना मुश्किल है पर आपके आशीर्वाद और रहमतों ने हमेशा सुरक्षित रखा !

फिलहाल 2017 में समुंद्र के जिस भंवर चक्र में, मैं फंसा ऐसा पूरे जीवन में कभी नहीं और आज तक भी कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है पर जिस तरीके से आप मेरी और परिवार की सुरक्षा कर रहे हैं, मुझे एवं परिवार को बच्चों की तरह सम्हाले हुए हैं, उन सबके लिए और आपकी अनगिनत रहमतों के लिए शुक्राना आपका शुक्राना -हर समय आपका शुक्राना -उठते सोते -खाते पीते -नहाते धोते -चलते फिरते -जिंदगी की पहली सांस से अंतिम सांस और उसके बाद भी आपका शुक्राना !

मैं आपकी मिट्टी और आप मेरे कुम्हार, जीवन मृत्यु सब आपको समर्पित !

आपका अज्ञानी शिष्य

विकास शर्मा "शिवाया" 


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