एकता में शक्ति
एकता में शक्ति
बचपन से ही हम अपने बुजुर्गों से -विद्यालय में -आस पास के लोगों से -धर्म ग्रंथों में -इतिहास के पुराणों से एकता की शक्ति के बारे में सुनते और पढ़ते आ रहे हैं ....-1
इतिहास गवाह है की चाहे वो श्री राम और रावण का युद्ध हो -चाहे असत्य की सत्य पर विजय महाभारत का संग्राम हो -चाहे अंग्रेजों के खिलाफ हमारे क्रांतिकारियों का शंखनाद हो हर विजयोत्सव हमने एकता और अखंडता की शक्ति के बल पर ही जीता है -2
और तो और आज के दौर में चल रही महामारी कोरोना से भी हम एकजुट होकर ही इतना आगे बढ़ पाए हैं और निरंतर कोरोना को हरा रहे हैं -3
विषय है एकता में शक्ति पर लघुकथा लेखन का ,तो यहाँ में एक ऐसे व्यक्ति दर्पण के बारे में बताने जा रहा हूँ जिन्होंने बचपन से लेकर आज उनकी उम्र 50 वर्ष के करीब है तक ना जाने जीवन के कितने सुखद और दुखद उत्तर चढ़ाव देखे ........4
एक शख्स जो प्रतिमाह 7 लाख रूपए तक की किश्तें चुका रहा था ,बढ़िया घर -गाड़ी ,समय ने ऐसा बदलाव लिया की आज वो हजारों की नौकरी ढून्ढ रहे हैं ,सिर पर तकरीबन ढाई करोड़ का कर्ज है ,गाड़ी घर सब हाथ से निकल गया , आत्महत्या की नौबत आ गई -ना जाने कितनी बार सोचा पर उनके बुजुर्ग माता पिता -पत्नी -2 बेटियां- एक बेटा और उनका पालतू बेटे के समान हीरा- दर्पण की शक्ति बनकर उनके साथ खड़े हो गए इस एकता और आत्मविश्वास के साथ की आज फिर दर्पण इस एकता की शक्ति के सहारे खड़े होते जा रहे हैं ...5
इस एकता ने उनके आत्मविश्वास में एक नई ऊर्जा भरी है ,इस संकट काल में उनके बच्चों ने अपनी ख्वाहिशों को दफनाते हुए उनके साथ संघर्ष को झेलते हुए पर हँसते मुस्कराते हुए और हमेशा दर्पण में जोश भरते हुए जो एकता की शक्ति का वास्तविक उदाहरण प्रस्तुत किया है वो काबिले तारीफ है ,वास्तव में अगर आप एक हैं तो दुनिया की कोई ताकत आपको नहीं हरा सकती-6
ये एक वास्तविक जीवन यात्रा है ,एकता की इस शक्ति को नमन -7