सर्टिफिकेशन कोर्स
सर्टिफिकेशन कोर्स
कल देर रात तक पढ़ने के कारण सिया की आँख देर से खुली। घड़ी 8 बजा रही थी ;सिया ने तो 6 बजे का अलार्म लगाया था।
सिया को अपने आप पर गुस्सा आ रहा था। उसे ऋषभ की बात सुनकर ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग के सर्टिफिकेशन कोर्स में एनरोल नहीं होना चाहिए था।
लॉक डाउन के दौरान ऋषभ ने सुझाव दिया था ," तुम सर्टिफिकेशन कोर्स कर लो ,तुम्हारे रिज्यूमे में कुछ वैल्यू जुड़ हो जाएगा। घर और बच्चों को सम्हालने में मैं तुम्हारी मदद कर दूंगा। "
सिया ने भी जोश-जोश में कोर्स की पूरी फीस भी जमा करा दी। अभी तो एक दिन की पढ़ाई में ही पूरा शिडूल गड़बड़ हो गया।
सोचते-सोचते सिया रसोई की तरफ चल दी। सिया ने देखा कि बच्चे और ऋषभ नाश्ते के साथ उसका इंतज़ार कर रहे थे। अपने निर्णय का इतना सुन्दर आगाज़ देखकर ,सिया को अंजाम की कोई चिंता नहीं थी।