Kunda Shamkuwar

Abstract Drama Others

4.6  

Kunda Shamkuwar

Abstract Drama Others

सरोगेसी

सरोगेसी

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माँ,मुझे पता है तुम मुझे बिल्कुल भी प्यार नहीं करती हो और मै यह बात दावे से कह सकता हूँ।कोख में पल रहा एक मासूम अपनी माँ से शिकायती अंदाज में बोल रहा था।


माँ धीमी आवाज से कह रही थी,"तुम मेरे लिए बहुत प्यारे हो।मैं तुमसे बेहद प्यार करती हूँ।"


फिर जैसे मासूम की धीमी आवाज आयी, "मुझे पता है, तुम मुझे बिलकुल भी प्यार नहीं करती हो।तुम्हें तो बस उनके पैसों से ही प्यार है।मैंने तुम्हारी सारी बातें सुन ली थी उस दिन जब तुमने मेरा सौदा किया था।"


माँ ने कहा,"नहीं बेटा,ऐसा बिल्कुल नहीं है,मैं जानती हूँ कि तुम्हारी दुनिया बहुत खूबसूरत होगी क्योंकि तुम्हारे अमीर माँ और बाबा तुम्हे अच्छी और खूबसूरत जिंदगी देंगे।"


"जिस जिंदगी में जन्म देनेवाली माँ का साथ ना हो,वह जिंदगी अच्छी और खूबसूरत कैसे होगी भला?"


इस सवाल पर माँ के पास कोई जवाब नही था, क्योंकि सौदा पहले ही हो चुका था और लेनदेन में जुबान की अहमियत ज्यादा होती है...


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