सरकारी नौकरी : दुखती रग पर हाथ
सरकारी नौकरी : दुखती रग पर हाथ
"क्या गलती हैं मेरी की मुझे सरकारी नौकरी नहीं मिली, पर मैंने कोशिश तो की थी, कब तक हाथ पे हाथ धर के बैठूंगा कुछ काम धंधा तो करना है, वैसे भी थोड़ा बहुत पढ़ा लिखा भी हूं, और बेकार नहीं हूं " दीपक ने आज अपने दोस्त से गुस्से में कहा।
दीपक की उम्र क़रीब 28 की हो चली थी, वह दिखने में ठीक ठाक था, और पढ़ा लिखा भी था, लेकिन कई सालों तक सरकारी नौकरी का प्रयास करने पर भी जब उसे जॉब नहीं मिली तो उसने अपना खुद का काम शुरू करने का फैसला किया ताकि कुछ कमा सकें और अपने माता पिता की मदद कर सकें
"यार दीपक क्या हुआ आज इतने गुस्से में क्यों हैं " नीरज ने दीपक से पुछा ?
नीरज का पूछना था और दीपक को लगा कि किसी ने उसके दुखती रग पर हाथ रख दिया वो नीरज से बोला...
"यार मैं बहुत परेशान हो गया हूं , आज कल मेरे घर पर रिश्ते की बात चल रही है, माता - पिता चाहते हैं कि मैं शादी कर लूं, लेकिन कई ऐसे रिश्ते आए जिन्होंने आते ही कह दिया कि उन्हें लड़का सरकारी नौकरी वाला ही चाहिए और इस तरह कई रिश्ते आए और चले गए इसलिए माता - पिता भी बहुत परेशान हैं।"
"हां दीपक तूने सही कहा पता नहीं आज कल ये कैसा ट्रेंड चल पड़ा है, लव मैरिज करने वालों को अगर छोड़ दूँ तो आज कल माता - पिता हो या लड़कियां सबको सरकारी नौकरी वाला चाहिए, मुझे ही देख ले जैसे ही मेरी सरकारी नौकरी लगीं लोग मेरे शादी कराने के पीछे पड़ गए" नीरज बोला
"हां नीरज पता नहीं लोगों को क्या हो गया ह , मैंने सरकारी नौकरी की बहुत कोशिश की, कुछ जगह रह गया, और तू तो जानता है कि कॉम्पिटिशन कितना टफ है, एक पोस्ट के लिए कितने लोग फॉर्म भरते हैं, अब सबकी जॉब लगना तो आसान नहीं हैं " दीपक बोला...
"हां दीपक अब लोगों को ये सोचना होगा कि सिर्फ़ सरकारी नौकरी देख कर ही अपनी बेटी की शादी ना कराए , उस लड़के और उसकी फैमिली बैकग्राउंड भी देखें, वैसे भी यदि लड़का और उसके परिवार वाले समझदार होंगे तो लड़की को कोई कमी नहीं रखेंगे " नीरज ने अपनी बात रखी।
कृपया सरकार नौकरी वाले दिल पर मत ले ...