सपनों की उड़ान
सपनों की उड़ान
मम्मी ने मुझे एक सपना दिखाया--- मेरी लाडो!!!
जब बड़ी होगी..
एक राजकुमार आएगा घोड़े पर सवार ..
आसमान की सैर करायेगा।
बहुत खूबसूरत सा एहसास था
इसी सपने को आंखों में संजोये बड़ी होने लगी। स्कूल आया पढ़ाई आई समझ भी आने लगी।
पर हैरत की बात है ...सपनों ने करवट बदल ली। अब मन में राजकुमार की चाहत कम होने लगी, और अपने खुद के पंखों से ऊपर उड़ने का मन करने लगा।
सोचने लगी सपने कहां से आते हैं... दूर मैदान से.. या नदी, जंगल के पार से...
नहीं सपने अंतस से आते हैं, अपनी चाहत से आते हैं।
चांद सितारों की बातें अब कहानी लगने लगी, मेरे सपने हवा में उड़ने लगे....
मम्मी की उंगली छोड़ मैंने मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया और एक नया सपना देखा...
मैं बहुत बड़ी डॉक्टर बनूंगी, बीमार लोगों का इलाज कर उन्हें नई जिंदगी दूंगी। मन में खुशियों का बवंडर उठने लगा। अरमानों का सागर था यह ।
जहां थोड़ी सी चोट लगने पर कोहराम मचाती थी अब लोगों की चोटों का इलाज करने के सपने देखने लगी। बहुत मेहनत करना है मुझे, मेरे सपने पू
रे करने हैं। मैं दिन-रात मेहनत में जुट गई और आगे और आगे बढ़ती गई ।
मम्मी मेरी वही मेरे राजकुमार का सपना देखते इंतज़ार में थी, बेटा शादी कर लो परंतु मेरे ख्वाब तो अलग ही थे।
खैर आखिर वह दिन आ ही गया और डॉक्टर की डिग्री मेरे हाथ में थी।
सभी ने बहुत सी बधाइयां दी।
बधाई हो बिटिया तुमने तो हमारा नाम रोशन कर दिया!!!
सबसे आश्चर्य की बात जो लोग आज तक मुझे मनमौजी कह तंज कसते थे आज सर आंखों पर बिठा रहे थे।
यह तो शिक्षा की ताकत है.. जिसने मुझे आज इस मुकाम पर पहुंचाया था।
मां की जिद आज भी वही थी मेरी शादी।
अब मेरे सपनों की उड़ान मेरे हौसलों की उड़ान बन गई थी। मैंने हौसलों की उड़ान भरी और पहुंच गई अमेरिका।
MS किया और जब वापस लौट कर आई सबने
गर्मजोशी से मेरा स्वागत किया। मैं सातवें आसमान पर थी।
ओह! आखिर मेरा सपना पूरा हुआ।
पापा ने तो हॉस्पिटल ही बनवा दिया। मेरी प्रेक्टिस चलने लगी, प्रसिद्धि मिलने लगी और सपने वह तो आज भी मेरे अपने हैं।
मां का सपना भी पूरा हुआ और एक राजकुमार जिंदगी में आ गया।