*देश प्रेम*
*देश प्रेम*
एक अजब सी कशिश है...
देश प्रेम की सीने में।
खुशबू जैसे है यह तो
हवा पानी और मिट्टी में।
मिट्टी मेरे वतन की
हर भारत का लाल सजाता है।
एक अजीब सी कशिश है...
ख्वाब अपने तिरोहित कर जो आजाद
अपने वतन को करवाता है।
जवान जो सीना तान खड़े सीमा पर
सन्मान उनके जज्बे का
हर भारतवासी करता है।
एक अजब सी कशिश है....
आज दिन बना संविधान हमारा,
सही राह हमें दिखलाता है।
अंबेडकर जी का अथक प्रयास,
निरपेक्षता का पथ बतलाता है।
एक अजब सी कशिश है....
केसरिया रंग शक्ति और साहस का प्रतीक,
हरा, भूमि की उर्वरता दिखाता है।
सफेद रंग शांति का प्रतीक,
अशोक चक्र धर्म को दर्शाता है।
यह है हमारा तिरंगा,
मान देश का बढ़ाता है।
एक अजब सी कशिश है....
जब राष्ट्रगान हमारे देश का,
हवा में गुंजायमान होता है।
तिरंगा जब खुले आसमान में लहराता,
आत्मसम्मान में गर्व से शीश झुक जाता है।
एक अजब सी कशिश है.....
