सपनों की दुनिया और भरोसा यही प्यार में मिलता हैं
सपनों की दुनिया और भरोसा यही प्यार में मिलता हैं
रिश्ते धीरे धीरे आगे बढ़ते जा रहे थे, साथ में विश्वास भी रफ्तार पकड़ ली थी। उनकी बातें ही सही लग रही थी, जो उन्होंने बोला जो कर रहे सब कुछ।
इसमें पीछे मैं छूट रहा था क्योंकि सब कुछ लगना भी शायद ये सबसे बड़ी गलती। होती हैं प्यार में। हमेशा दोनों में से एक बस ये सोच कर उनके साथ थे, वो गलत नहीं कर सकती।
कभी पूछने की जरूरत नहीं आई, क्यों कैसे कब वाली बात लगभग महीनों तक ऐसे ही चलते आ रहा था।
सब कुछ के बाद इंसान को कुछ कुछ दिखता है जिसके बारे में सोचना भी नहीं होता उनके प्यार कि वजह से , लेकिन क्या सब कुछ सही हो रहा जैसा आप सोच रहे ।
कुछ सही नहीं होता बस उम्मीद टूटने लगती हैं , उसके बाद पीछे की सारी बातें जिस पर आप कभी सवाल नहीं किए हों वो सब याद आने लगती हैं।
ये वक्त रिश्तों को कमजोर कर रहे थे, वजह थे उनकी छोटी छोटी बातों में आपसे अलग रखना या फिर आपसे नहीं बताना। फिर क्या ही था सब खत्म होते जा रहा था, अब सच बातों पर यकीन करना मुश्किल हो रही थीं। उनका जवाब यही था इससे क्या फर्क पड़ेगा हमारे रिश्तों में लेकिन ऐसा नहीं होता, आप कितना खुद को समझाओ समझ नहीं सकता कोई।
जबतक आपके साथ वैसे कोई नहीं करता आपको सब बिल्कुल सही लगता हैं। अपनो की बातों कही और से जब पता चलती हैं , वही बातें आपसे छिपाई गई हो तभी मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। रिश्तों को मजबूती देना सबसे जरूरी होता हैं , ये तभी होता जब आप साथ दो। जरूरतें रिश्तों को कभी मजबूत नहीं बनाते हैं , उनको सब कुछ में सब आसान लगता था।
वक्त हैं फैसला लेने की, आगे बढ़े या मुड़ जाए।