सपना टूटने से जीवन नहीं मरता

सपना टूटने से जीवन नहीं मरता

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सुधा की बेटी दिशा पढ़ने में एकदम फर्स्ट क्लास थी। घर के हर कोने में उसकी क़ाबलियत की तस्वीर दिखती । हर कोई उसकी खूब तारीफ करता और अपने बच्चों को उसका रोल मॉडल बताते । खूब समझदार होने के साथ साथ वो घर के हर काम को मन लगाकर करती, इसलिए तो उसकी दादी की जान बसती थी उसमे । 12 की परीक्षा में उसके बहुत अच्छे नंबर आने से सुधा और उसकी बेटी दिशा के साथ साथ उसके पापा भी उस पर गर्व करते हुए कहते, "यह मेरी बेटी तो मेरा सपना पूरा करेगी और IAS बनेगी । बस यही बात दिशा के दिमाग में घर कर गयी| हमेशा सपने में खुद को आईएएस बना हुआ देखती।

अपनी ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद उसका पेपर का दिन आ गया और सुधा ने अपना पेपर बहुत अच्छे से पास भी कर लिया । अब बारी थी इंटरव्यू की । खूब तैयारी की थी दिशा ने, पर उसको पता नहीं वहां जाकर एकदम क्या हुआ कि वो सुन्न हो गयी। उसका आत्मविश्वास एकदम से डगमगा गया । इसलिए रिजल्ट आने पर दिशा पास नहीं हो पाई थी । इस एक दुखद घटना ने दिशा को हिला दिया । अब वो एकदम उदास सी रहती, ना किसी से बोलती । किताबों को हमेशा अपनी सहेली समझने वाली लड़की ने उनसे भी किनारा कर लिया| बस दिल में यही सोचती कि मेरी ज़िन्दगी का अब कोई उद्देश्य नहीं रह गया है और मैं अब किसी काबिल नहीं । दिशा के दुःख को देख माँ बाप भी दुखी होते । दिशा की दादी को बिल्कुल नहीं भाता था, कि उसकी पोती ऐसे दुखी रहे ।

अगले दिन दादी दिशा के साथ बालकनी में बैठी थी, तभी उसने देखा कि 2 कबूतर वहां आते, कुछ लकड़ियां चोंच में दबाकर लाते, उन्हें किनारे पर रखते फिर भाग जाते । दादी ने दिशा को बताया कि "तुम्हें पता है लाडो पिछले 1 साल से यह कबूतर रोज़ यही काम करते हैं। रोज़ सुबह तुम्हारी माँ झाड़ू लगाती है और इनकी मेहनत खराब हो जाती है । पर इन्होने हिम्मत नहीं हारी । जब यह कबूतर आशावान हो सकते हैं, तो हम तो इंसान हैं| एक हार से क्या हमारे सारे सपने मर जायेंगे? नहीं लाड़ो, तैयारी जारी रखो । मेहनत करती रहो । अगर जीते तो हमारी जीत होगी , नहीं तो नया तजुर्बा।" दिशा के पल्ले दादी की सीख पड़ गयी थी । दादी को प्यार से गले लगाते हुए बोली , "दादी आपकी लाड़ो हार नहीं मानेगी , मेहनत जारी रखेगी । या आपकी भाषा में कर्म करूँगी , पर फल की इच्छा नहीं करूंगी ।" दोनों हंसने लगी , उनकी इस हंसी को देख सुधा भी खुश होकर रसोई की तरफ बढ़ गयी ताकि कुछ मीठा बनाकर सबको खिलाये । आखिर नई शुरुआत अगर मीठे से हो तो उससे बेहतर और क्या होगा ?


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