सफाई की अहमियत
सफाई की अहमियत
पिंकी खरगोश जितना सफेद था, उतनी ही उसे सफाई पसंद थी। वह अपने घर और स्कूल को तो साफ रखता ही था, साथ ही चाहता था कि पूरा जंगल भी साफ रहे। स्कूल में सभी शिक्षक पिंकी को बुहत पसंद करते थे।
वह हर स्टूडेंट को सफाई रखना सीखता था और उसकी वज़ह से कोई भी स्टूडेंट स्कूल में गंदगी फैला नहीं सकता था।
पिंकी खरगोश और उसके दोस्त जिस रास्ते घर लौटते, वहां बीच में राजा शेर सिंह की गुफा पड़ती थी। गुफा के बाहर से उसे अक्सर अपने नाक पर हाथ लगाकर गुजरना पड़ता था, क्योंकि वहाँ से सड़े मांस की बदबू आती थी। राजा शेर सिंह अपना मनपसंद शिकार अपनी गुफा में ले आता था और कुछ टुकड़े खाने के बाद उन्हें वहीं छोड़ दे ता था। एक दिन मिनी बिल्ली ने पिंकी खरगोश से कहा पिंकी भईया राजा अपनी गुफा में कितनी गंदगी रखते है? उन्हें भी आप सफाई का पाठ पढ़ाने का प्रयास कीजिएगा। पिंकी खरगोश ने कहा जरूर! लेकिन माँ ने कहा कि शेर बुहत जल्दी आपा खो देते हैं उन्हें कोई भी बात सोच समझकर बोलनी चहिए। पिंकी ने ठान लिया कि वो राजा शेर को सफाई की अहमियत जरूर सिखाएगा। इसके लिए वह उपाय सोचने लगा। कुछ दिन पिंकी कुछ पोस्टर्स बनाता रहा। पहाड़ी पर पिंकी ने अपने चित्रों की प्रदर्शनी लगाई।
कार्ड लेकर वह राजा शेर के पास गया। उसने राजा से कहा 'महाराज ' मैं चाहता हूँ कि आप मेरे चित्रों की प्रदर्शनी का उद्घाटन करे। राजा शेर सिंह ने अगले दिन सुबह का समय दे दिया। अगले दिन राजा शेर ने प्रदर्शनी का फीता काटा और देखने लगा। पिंकी ने सभी चित्रों में सफाई के महत्व को उजागर किया था। शेर सिंह और उसके साथी प्रदर्शनी देखते रहे। उन्हें पता लगा कि सफाई के कितने फायदे है?
जैसे ही शेर अपनी गुफा में लौटा तो उसने देखा कि उसकी गुफा पूरी तरह साफ है। वहां गंदगी और बदबू का कोई निशान नहीं था। दरअसल पिंकी खरगोश ने अपने दोस्तों को यह काम सौंपा था। शेर सिंह पिंकी खरगोश की समझदारी से खुश हो गए और उसे जंगल का सफाई मंत्री नियुक्त कर दिया।
