सोना भरा ताबूत
सोना भरा ताबूत
पुराने जमाने में बहुत सी जगह पर बहुत से संप्रदाय में मरने वाले को एक लकड़ी की पेटी में डालकर दफनाया जाता था, मतलब मिट्टी में गाड़ दिया जाता था। उस लकड़ी पर नक्काशी के साथ ताबूत के भीतर कीमती रत्न और गहने भी रखे जाते थे, साथ ही मृतक का नाम खुदवाया जाता था ताकि मरने के बाद उसे कोई मुश्किल न हो. साथ ही साथ सार्कोफेगस लकड़ी के चौकोर ताबूत से अलग मृतक के शरीर के बनावट और कद के आधार पर बने होते।
मिश्र इजिप्ट और भी बहुत जगह बहुत सारे मृत शरीर जिनको ममी कहते हैं सुरक्षित करके ताबूत में रखे गए हैं। बहुत सारे म्यूजियम में चर्च में गोवा के चर्च में मैसूर के चर्च में मैंने ताबूत में रखी हुई ममी देखी है। ताबूत को कॉफिन भी कहते हैं, जरूरी नहीं है कि यह ताबूत कॉफिन यह शव रखने के ही काम लगे। कभी-कभी बहुत सारे दो नंबर का काम करने वाले असामाजिक तत्व इनका उपयोग तस्करी के माल की हेरा फेरी में भी करते हैं। इस विषय में एक काल्पनिक कहानी प्रस्तुत कर रही हूं। कहानी हमेशा हकीकत से ही पैदा होती है। ऐसी घटना हुई है पूर्व में। कहीं पढ़ने में आया था। उसी को अपने शब्दों में बयान कर रही हूं।
स्थान मुंबई
समय जब सोने की तस्करी का धंधा बहुत जोर शोर से होता था। मुंबई में एक खासियत है कि आसपास के फ्लैट वाले भी एक दूसरे के साथ में ज्यादा संबंध नहीं रखते।
किसी को किसी की पड़ी नहीं होती। ऐसे ही एक बहु माली बिल्डिंग में कुछ लोगों ने एक फ्लैट खरीदा। उस फ्लैट में उन लोगों को आए दो ही दिन हुए और तीसरे दिन पड़ोस वाले मकान में रहने वाले लड़के ने देखा चार जने सफेद कपड़े पहने हुए एक ताबूत उठाकर ले जा रहे हैं। और ऐसा लग रहा है जैसे किसी की मृत्यु हो गई।उसने देखा और अपने ऑफिस के लिए निकल गया। आमतौर पर जब भी किसी के यहां किसी का स्वर्गवास होता है तो थोड़ा दुखद परिस्थितियां हो जाती हैं। और घर में रोना पीटना भी होता है और आस पड़ोस वालों को भी पता लग जाता है कि कुछ गमी का माहौल हो जाता है। मगर शाम को वह लड़का जब ऑफिस से वापस आया तब उसको कुछ अजीब सा लगा। वहां पर कोई ऐसा माहौल नहीं था बल्कि अंदर हंसी खुशी से पार्टी चल रही थी। और जोर जोर से हंसने की आवाज आ रही थी। लड़के का मन जरा खोजी था पहले तो उसने कान लगा कर उनकी बातें सुनी।
तब उसको समझ में आया कि वे लोग तो सोने के तस्कर है। और एक परिवार रूप में यहां रहने आए हैं तो उसने सोचा दाल में कुछ काला है।
उसने उस एरिया की पुलिस को इन्फॉर्म करा कि सुबह यह लोग कॉफिन लेकर गए थे कि किसी की डेथ हो गई हो ऐसा लग रहा था। मगर मुझे अभी ऐसा लग रहा है कि यहां कुछ असामाजिक कार्य हो रहा है। और यह लोग तस्करी या कुछ कर रहे हैं। तो पुलिस वालों ने पहले तो उसको ऐसे ही थोड़ा डांट कर भगा दिया।
मगर उनमें से जो उनका डीवाईएसपी था वह काफी ईमानदार और कर्मठ था। उसने सोचा इस बात की तह तक जाना चाहिए। और वह जाते हुए लड़के को रोकता है और उसके साथ में जाने लगता है, और चलते चलते उससे बात करता है और पूछता है कि तुमको कैसे पता लगा तो लड़का सब कुछ बताता है। वह डीवाईएसपी उस लड़के को बोलता है घर जाओ, अगर तुम्हारे बारे में इनको पता लगेगा तो यह लोग तुम को खत्म कर देंगे। हम अपनी तरह से पूछताछ और कानूनी कार्यवाही करेंगे फिर तुम को सूचित करेंगे। लड़का घर चला जाता है मगर काफी चिंतित भी रहता है क्या होगा। डीवाईएसपी अपनी टीम के साथ में उन लोगों के घर पर धावा बोल देता है। और उनको थर्ड डिग्री टॉर्चर करके उनसे कॉफीन के बारे में जानकारी हासिल करते हैं। फिर वहां जाकर खुदाई करके उसको निकालते हैं। उन लोगों की आंखें आश्चर्य से फटी रह जाती हैं कि जहां उन्होंने वहां कॉफिन रखा था उसके नीचे कमरा था। वहां सीढ़ियां थी जो दूसरी तरफ जाती थी। और उसके अंदर 20 किलो सोने के बिस्किट से जो तस्करी करके लाए गए थे। जिस गैंग को देने थे वे लोग आए नहीं थे लेने।
पुलिस के लोग छुप कर बैठ जाते हैं और पूरा का पूरा गैंग पकड़ा जाता है। मगर पुलिस वालों ने उस लड़के का नाम कहीं नहीं आने दिया नहीं तो उसकी जान पर बन आती।
फिर डीवाईएसपी ने उसके घर जाकर उसको बधाई दी और पुलिस डिपार्टमेंट की तरफ से इनाम भी दिया। इस तरह एक साधारण से लड़के की समय सूचकताने एक बहुत बड़े गैंग का पर्दाफाश कर दिया।
