सोच
सोच
"क्यों आप भारतीय नहीं हैं?" रेहाना ने एक संस्था के मैनेजर से व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा, क्योंकि जब किसी व्यक्ति ने भूलवश संस्था का गेट खुला छोड़ दिया था तो मैनेजर ने गुस्से से झल्लाते हुए कहा, "इंडियंस हैव नो मैनर्स।"
रेहाना की प्रतिक्रिया सुन, शर्म से झेंपते हुए मैनेजर ने कहा- "हूं लेकिन......", बीच में ही टोकते हुए रेहाना ने अपनी बात कही, - "माना कि उस व्यक्ति से गलती हुई, उसे आप अगली बार न दोहराने की चेतावनी भी तो दे सकते थे, देश को बीच में लाने की क्या आवश्यकता थी, आप जैसे तिल का ताड़ बनाने वाले लोग ही हमारे देश की प्रगति में बाधक हैं। अपनी सोच बदलिए महोदय, आप भाग्यशाली हैं, जो भारतीय हैं।"
