amit mohan

Abstract Romance Fantasy

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Abstract Romance Fantasy

संतरे के छिल्के

संतरे के छिल्के

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प्रिया संतरे खा रही थी। उसके फेंके छिल्कों पर प्रिया के पति का हाथ पड़ गया। ये दृश्य देखकर प्रिया को अपनी छठी कक्षा की बात याद आ गई। वो स्कूल के मैदान में संतरे खा रही थी। उसके थूके संतरे पर एक लड़के का हाथ पड़ गया। ये देखकर प्रिया हँस-हँसकर लोटपोट हो गई।

एक बार मनीष ने अपनी कॉपी पर उस लड़के का नाम लिख दिया। क्योंकि कॉपी पर उस लड़के का नाम लिखा था और मनीष ने अपना होमवर्क नहीं किया था तो मैडम ने उस लड़के को बुलाकर उसकी खूब पिटाई की। जब उस लड़के ने वह कॉपी देखी तब उसने कहा कि यह कॉपी मेरी नहीं है। बाद में प्रिया ने मनीष को डाटा कि तेरी वजह से एक मासूम की पिटाई हो गई।

एक दिन प्रिया क्लॉस में बैठकर रोए जा रही थी। जब कक्षा में मैडम आईं तो उनने प्रिया से रोने का कारण पूछा। प्रिया ने कहा कि उस लड़के ने चॉक पर आई लव यू लिखकर मेरे ऊपर वो चोक फेंक दी। मैडम ने उस लड़के की पिटाई कर दी। उसके बाद प्रिया का रोना ऐसे रुक गया जैसे कुछ हुआ ही न हो। वो अपनी सहेली के साथ हँस-हँस कर बात करने लगी।

वो लड़का एक साल उसके साथ पढा फिर किसी दूसरे स्कूल में चला गया। धीरे-धीरे प्रिया इन सब बातों को भूल चुकी थी लेकिन आज संतरे के छिल्के वाली घटना से उसे यह सारी बातें याद आ गयी। उसने ये बातें अपने पति को बताई। पति ने पूछा कि क्या तुम उस समय रानीपुर में पढ़ती थीं। यह बात सुनकर प्रिया को बड़ा आश्चर्य हुआ। उसने पूछा, तुम्हें कैसे पता ? तब उसके पति ने कहा कि वो लड़का मैं ही हूँ।


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