संगति का असर
संगति का असर
वकील मित्र ने शिक्षक मित्र से तन्ज कसते हुए कहा-आजकल गुरूजी(राष्ट्र निर्माता)जैसे गरिमावान लोग भी झूठ बोलने लगे हों तब तो फिर देश के भावी नागरिकों(नवनिहालों) का भगवान ही मालिक है।ऐसे में भावी पीढ़ी से क्या अपेक्षा करें?
शिक्षक मित्र ने कहा-क्या करें मित्र!इसका दोष किसी को क्यों भला दें।यह तो बस "संगति का असर"है।
वकील साहब के चेहरे पर अब हवाइयाँ उड़ रही थीं,जो दर्शनीय था।