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Shriram Sahoo

Others

2.2  

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इच्छा (कामना)

इच्छा (कामना)

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गहरा-लम्बा निश्वास छोड़ते हुए उन्होंने कहा- हे भगवान ! तुम्हारी इच्छा ही पूरी हो।

मैंने कहा- उसकी भी इच्छा होती है क्या ?

हाँ जी ! सब कुछ उसी की ही इच्छा तो है। उन्होंने स्पष्ट किया।

तब तो वह भगवान (ख़ुदा, जीजस या वाहेगुरु) हो ही नहीं सकता। यदि वह भी इच्छा मुक्त नहीं हो तो भला,आदमी की क्या औकात जो इच्छा या कामना मुक्त हो सके। मैंने अपनी बात रखी।

इस बार वो खामोश थे।



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