सम्मान
सम्मान
जरूरी कागजात सहेजती अपनी सास के लिए उसकी छोटी बहू जब चाय लेकर पहुंची तब कप अपने हाँथ में थामते हुए उसकी सास उससे बोली,"रचना अभी कुछ दिनों बाद ही तुम्हारी मुख्य परीक्षा है ना?"
उनकी बात सुन रचना ने कहा "आप उसकी चिंता न करे माँ,और फिर मुझे पास होकर कौनसा कलेक्टर बनना है आखिर में सम्हालना तो घर ही है ना",इतना कहते उसके चहरे पर एक लापरवाह मुस्कान बिखर गई।
"सुनो रचना हम औरतों को ये समाज कहता जरूर है,कि तुम लोगो को भी यहां बराबर का ही दर्जा है पर सत्य तो यह है,की जबतक हम पुरषों के बराबर योग्यता हासिल कर अपना एक मुकाम तय नही कर ले ये समाज हमे हमारे हिस्से का वो सम्मान कभी नही देता।" अपनी हाई स्कूल की अंकसूची देख, अपनी आंखों की नमी पोछते उसकी सास ने उससे कहा।
