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vartika agrawal

Inspirational

4  

vartika agrawal

Inspirational

समझ और समझदारी

समझ और समझदारी

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कई दिनों से सुनैना रोयी जा रही थी और माँ उसे समझायी जा रही थी। अंत में माँ की ही बात सुनैना पर भारी पड़ी और उसने शादी के लिए हाँ कर दी। सचिन भुलाए नहीं भूलता था। सुनैना के दिल से अलविदा नहीं हो पाता था। किंतु जब सुनैना के पिताजी को पहला दिल का दौरा पड़ा तो वह सहम सी गई और अपना प्रेम सचिन के प्रति पिताजी को कह नहीं पाई। क्योंकि वह जानती थी कि उसके पिताजी इस शादी के लिए हाँ नहीं कहेंगे।

सुनैना की शादी रवि से अपने ही शहर में हो गई। रवि के माता-पिता शादी से कुछ वर्ष पहले ही तीर्थ यात्रा को गए थे, किंतु कभी नहीं लौटे। सुनैना ने शादी के बाद जाना कि रवि को शराब पीने की बुरी लत है, वह सुनैना को हाथ खर्च के लिए कोई रुपया भी नहीं देता था। इससे सुनैना बहुत परेशान हो गई और अंत में एक कंपनी में नौकरी कर ली। घर देखना, समय पर ड्यूटी जाना, घर पर सारी व्यवस्थाओं को देखना, सुनैना के ऊपर कई तरह की जिम्मेदारियों का पहाड़ टूट पड़ा।

 एक शाम बहुत तेज बारिश हो रही थी, उसने रवि को फोन किया कि वह उसको लेने आ जाए। रवि ने उसे मायके जाने की हिदायत दी और फोन रख दिया। मगर सुनैना मायके नहीं जाती है, वह भीगते-भीगते घर आती है। वह घर का दरवाजा अपनी चाबी से खोलती है और आँखों के सामने जो दृश्य था उसे देख सुनैना के होश उड़ गएं।

यूँ तो उसे कुछ- कुछ आभास था, मगर मन मानने को तैयार नहीं था। उसने अगले ही पल खुद को संभाला, मजबूत बनाया और कमरे में प्रवेश किया। रवि सकपका कर सोफे से उठ बैठा और मीरा को घर पहुँचाने की बात कहने लगा। इस पर सुनैना ने मना कर दिया कि वह बारिश में कहाँ जाएगी, यही रोक लो, उलटे सुनैना ने मीरा से कॉफी संग पीने की बात रखी। मीरा व रवि दोनों ही सुनैना से नज़रें नहीं मिला पा रहें थें। इस पर सुनैना ने दोनों को सामान्य रहने को कहा और यह भी कहा कि तुम दोनों अपनी ज़िंदगी का फैसला लेने के लिए मेरी तरफ से आज़ाद हो। दोनों ने कोई उत्तर नहीं दिया। कॉफी पीकर मीरा अपने घर लौट गई।

सुनैना रवि से पहले जैसा ही व्यवहार कर रही थी। जो रवि को बिल्कुल नहीं सही जा रही थी। उसने सुनैना से हाथ जोड़कर माफी माँगी और पूछने लगा तुम किस मिट्टी की बनी हो, तुम्हें कुछ बुरा क्यों नहीं लगता, तुम इतना पत्थर दिल कैसे हो, इस पर सुनैना ने कहा, "जैसे तुम मीरा से प्यार करते हो, वैसे ही मैं भी सचिन से प्यार करती हूँ, मैं समझ सकती हूँ तुम्हारा दर्द। मैं तुम्हें दुःख नहीं दे सकती। 'रवि ने कहा, "दुख तो अब मुझे हो रहा है क्योंकि मैं ही तुम्हें नहीं समझ पाया। क्यों ना हम अपना अतीत भुलाकर एक साथ सुंदर जीवन की शुरुआत करें। मैं अपनी सारी बुरी आदतों को भी छोड़ दूँगा। क्या तुम मेरा साथ दोगी ?"इस पर सुनैना मुस्कुराकर रवि के गले लग गई।


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