कोशिश करने वालों की हार नहीं होती(सफलता)
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती(सफलता)
लघुकथा
नीना अपने स्कूल के बैग को मेज पर रखते हुए अपनी माँ से कहती है ,"माँ! मेरी कक्षा में तीसरी पोजीशन आई है। "
माँ नैना को हाथ में शरबत पकड़ाते हुए पूछती है," मगर तुम्हें कैसे पता बेटा !..?रिजल्ट को आने में तो अभी आठ दिन की देर है। "
"आज सुबह स्कूल में कॉपियाँ दिखाई गई थी। मैम ने बताया है ," तुम जहाँ तक तीसरी पोजीशन पर हो। "
माँ-" अच्छा। यह तो बहुत अच्छी खबर है। इस बार मेरी गुड़िया आठवें- नौवें रैंक से उठकर तीसरी पोजीशन पर आ गयी है। बहुत-बहुत बधाई मेरी गुड़िया !"
नीना-" थैंक यू तो मुझे आपको करना चाहिए। "
माँ-"नीना! मुझे क्यों ? पढ़ाई तुमने की। मेहनत तुमने की और नंबर भी तुमने ही पाया। "
नीना -"ओ माँ!हर साल मेरी रैंक आठवीं-नौवीं ही आती थी। मैं टूट गई थी। तुमने ही मुझ में हिम्मत डाली। प्रेरणा दिया। तुमने ही कहा था, "कोशिश दिल से करती रहो। जीत तुम्हारी ही होगी। हार सफलता का हार बन जाएगी। मगर एक शर्त पर कि तुम मेहनत करोगी। रोने में समय व्यर्थ नहीं करोगी। सारे विषयों का अध्ययन प्रतिदिन करोगी। लिखने का प्रयास करती रहोगी। "यह सब आपके मार्गदर्शन का ही परिणाम है। थैंक यू सो मच मम्मा!"और इतना कह नीना अपनी माँ से लिपट जाती है।
