जन्मदिन
जन्मदिन
सोहन-" मोना ,मुन्नी ,राजू, श्यामू.. सब यहाँ आओ ।"
राजू -"अरे! क्या हुआ सोहन भैया ?क्यों आवाज दे रहे हो ?"
सोहन -"पता है राजू !कल मैं अपनी माँ के साथ कहीं गया था ।"
श्यामू-" सोहन!कहाँ गए थे ?"
सोहन -"मेरी माँ जहाँ काम करती है, वहाँ के अंकल-आंटी ,देव भैया और टिया दीदी को लेकर अपने फॉर्म हाउस गए थे ।हमको भी साथ ले गए थे ।पता है उनका बगीचा बहुत बड़ा है और वहाँ बहुत सारे उनके दोस्त- रिश्तेदार भी आए थें ।टिया दीदी का कल जन्मदिन था और वहाँ अंकल उनका जन्मदिन मनाने गए थे ।सब बहुत सुंदर-सुंदर कपड़े पहने थे और बहुत सारा उपहार टिया दीदी को मिला था ।टिया दीदी केक काटी थी और पता है सब के हाथ में कुछ था, जिससे वे सब एक साथ अपनी बार-बार फोटो खींच रहे थें और ज्यों ही वे मुस्काते,कुछ चमक जाता था।"
मोना -"अरे बुद्धू !उसे मोबाइल कहते हैं ।"
सोहन -"अरे हाँ! सही बोली मोना दीदी। उसे मोबाइल ही कहते हैं। "
मुन्नी -"तो चलो सोहन भैया !आज हम लोग भी एक साथ है।मुस्कुराते हुए हम लोग भी एक फोटो खींचवा लें।"
राजू -"पर ...हम लोगों के पास मोबाइल कहाँ है ?"
सोहन -"है न। ये देखो ।(सोहन झट अपनी चप्पल उतारता है ,और हाथों में ले फोटो लेने का एक पोज देता है।)"और कहता है- "1...2...3...क्लिक.. क्लिक"
