इतनी छोटी उम्र में भी इतना सबकुछ कैसे जानती है चमकी ? इतनी छोटी उम्र में भी इतना सबकुछ कैसे जानती है चमकी ?
अरे उस टूटी चप्पल को उठाकर सीधे कचरे के ड्रम में क्यों नहीं डाल देती। अरे उस टूटी चप्पल को उठाकर सीधे कचरे के ड्रम में क्यों नहीं डाल देती।
मेरा काँटों से भरा स्टेशन से घर तक का सफ़र अभी भी बाकी था। मेरा काँटों से भरा स्टेशन से घर तक का सफ़र अभी भी बाकी था।
समाज में फैले अंधविशवास पर एक व्यंग समाज में फैले अंधविशवास पर एक व्यंग
आयुष बच्चे को देखकर स्माइल देता है और वो बच्चे ने भी प्यारी सी स्माइल दी। आयुष बच्चे को देखकर स्माइल देता है और वो बच्चे ने भी प्यारी सी स्माइल दी।
वो बस गरदन झुकाए खड़ा रहा।मैंने उसके पैर देखे,वो आज भी नंगे पाँव था। वो बस गरदन झुकाए खड़ा रहा।मैंने उसके पैर देखे,वो आज भी नंगे पाँव था।