स्कूल की यादें
स्कूल की यादें
हम सभी के जीवन में कुछ ऐसे पल होते हैं जिनको हम सब बार बार जीना चाहते हैं। ऐसे ही कुछ पल मेरी जिंदगी के भी है जिनको आज मैं आपके साथ कहानी के माध्यम से फिर से जीना चाहती हूँ।
हमारे स्कूल में लड़के लड़कियां एक साथ नहीं थे। मैं दसवीं कक्षा पास करके ग्यारहवीं में हुई थी मैंने साइंस विषय चुना था। अब नयी कक्षा में नयी लड़कियां थी। कोई किसी को भी नहीं जानता था। कुछ लड़कियां गांव की और कुछ शहर की में गांव की थी।
नयी कक्षा में जब मैं पहली बार गई तो मैं किसी को नहीं जानती थी सब कुछ अजीब लग रहा था।
मैं दूसरे बेंच पर जाकर बैठ गई। एक बेंच पर चार लड़कियां बैठ सकती थी पर मैं जिस बेंच पर थी वहां हम छः थी। मेरे साथ एक मेरी मौसी की लड़की थी और चार लड़कियां थी।
एक दो दिन तो मुझे उनके साथ अजीब लगा पर धीरे धीरे हम सब एक दूसरे से अच्छे घुल-मिल गये। धीरे-धीरे हम उनसे अपने जीवन की बातें शेयर लगे जब टीचर क्लास में नहीं आती तो हम सब मिलकर शरारत करती। टीचर क्लास में उपस्थित होते तब भी हम सब पानी पीने के बहाने कक्षा से बाहर निकल जाते।
हमें टीचर बहुत डांट लगाते पर हम सब को कोई फर्क नहीं पड़ता हम सब हँस कर दिखा देते बेचारे टीचर ने भी हमें डांटना बंद कर दिया।
जब हमारे पेपर होते तो हम सब पास बैठ जाती और खूब नकल करतीं। कभी कभी तो टीचर इतने परेशान हो जाते थे कि कक्षा छोड़ कर ही चलें जाते थे। पर चाहे हम कितनी भी शरारत करते थे पर हमें टीचर कहते अच्छे बच्चे ही थे।
ग्यारहवीं कक्षा हमारी खूब मौज मस्ती में चली गई। 1 साल बीत गया और हम 12वीं कक्षा में हो गए। अब कक्षा बोर्ड की थी तो पढ़ना भी चाहता था और पिछले साल हमने खूब मस्ती की तो पढ़ने का बिल्कुल मन नहीं था।
पर क्या करें बोर्ड की क्लास थी तो पढ़ना भी जरूरी था। इस साल टीचर्स भी थोड़ा ज्यादा पढ़ाने लगे।
हम सब मस्ती तो करते थे पर पढ़ाई भी शुरू कर दी और ऐसे करते करते हमारा ये साल भी खत्म होने को था। हमारी फेयरवेल पार्टी थी हम खुब रोये । एक दूसरे को छोड़ कर जाने को बिल्कुल मन नहीं था।
पहले स्कूल बुरा लगता था पर 11वीं और 12वीं कक्षा में ऐसा लगा इस स्कूल से बड़ी जन्नत कोई नहीं इस जैसी खुशी कहीं और नहीं मिल सकती है।
स्कूल छोड़े मुझे आज चार साल हो गए हैं पर मेरे स्कूल वाले दोस्त आज मुझसे बहुत दूर। आज भी उनकी बहुत याद आती है वो मस्ती मजाक टीचर की डांट खाना आज भी याद मुझे । और मैं उस पर को हमेशा दुबारा जीना चाहूंगी उस लम्हे को मैं कभी नहीं भूल सकती।