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Sajida Akram

Inspirational

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Sajida Akram

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सीख सुहानी

सीख सुहानी

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हम जब छोटे थे तो हमारे अब्बू अक्सर कहते थे कि जमा पूंजी सबसे अच्छी है ।अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर क़ाबिल बना दो...! 

"वो पुरानी कहावत सुनाते थे...

"पूत सपूत तो क्यों धन संचें ,

 पूत कपूत तो क्यों धन संचें"....! 

बस हमारा भी यही मंत्र रहा सब कुछ बच्चों की पढ़ाई में लगा दिया ईमानदारी की कमाई इतनी नहीं होती के एक घर भी ढ़ग का ले पातें।हाँ रिटायर्ड मेंट के बाद जो पैसा मिला उससे एक सिर छुपा ने लायक़ घर ले लिया।

हम दोनों ने उसूल रखा ।कभी मन मसोस ना भी पड़ा मगर ये संतोष रहा नेक कमाई है । हम वही खर्च करें जहाँ ज़रूरी हो किफ़ायत सबसे बड़ी पूंजी रही ।

"अपनी जितनी चादर हो इतने ही पैर पसारो"बेहद सुकून भरी ज़िन्दगी रही।


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