शिवा और रुद्रा की कहानी पार्ट -3
शिवा और रुद्रा की कहानी पार्ट -3


हेलो दोस्तों। साइको डेविल की दुनिया मे आपका स्वागत है। साइको डेविल को अपना दोस्त बनाने के लिए कमेंट बॉक्स मे टाइप करे साइको डेविल आप हमें दोस्त बनाए उसी रात से आपके सपनो की दुनिया मे मेरी दुनिया आपको नजर आएगी ये मेरा आपसे वादा है चलो आज की कहानी शुरू करते हैंदेखिये आगे क्या हुआ........
अब मानवपुर गांव बन गया दानवपुर सभी प्रेम की भावनाए आग मे ही जल गई। गांव के सभी लोग जल कर राख़ जरूर हो गए थे पर वो सभी अपने समय से नही मरे थे इसलिए उन सब की रूह मरने के बाद भी ज़िंदा थी। वो उन सबका शरीर जलाने मे कामयाब हो गए पर उनकी रूह को नही जला पाए. क्युकी रूह ना ही कभी जलती है ना ही मरती है। अब जब शरीर ही ख़तम हो गया तो मोह माया प्रेम का तो नाम वैसे भी नी रह जाता उन्हें। अब बस अपना बदला पूरा करना था और अब गांव के बाहर का जो मुख्य द्वार था उसका नाम मानवपुर से दानवपुर हो गया जब उधर की और से किसी और गांव के लोग होकर गुजरते तो देख कर दंग रह जाते कि नाम किसने बदला और ये बोर्ड दानवपुर नाम से लगाया किसने है। दिन के समय तो वो गांव आम गांव की तरह ही था पर घर कोई नही था सब जल चुका था जमीन भी बंजर जैसी हो गई थी परंतु जैसे ही रात के 8 बजते दानवपुर गांव पहले की तरह जगमगा उठता। सभी लोग ऐसे रहते जैसे वहां कभी कुछ हुआ ही नही और सभी गांव के लोग रात को जाते रक्षणापुर पुर गांव मे पहली बार जब दानवपुर के लोग रक्षणापुर गांव मे पहुंचे तो उन्होंने पुरे गांव के बच्चों को उठा लिया और अपने साथ दानवपुर गांव मे ले आये और उन्हें अपनी दुनिया मे कैद कर लिया।जब सुबह रक्षणापुर गांव उठा उन्होंने देखा की गांव मे एक भी बच्चा नही है सभी गायब है। उन्होंने बहुत ढूंढ़ने की कोशिश की पर कोई नी मिला जब दानवपुर गांव की और गए तो बहार बोर्ड लगा हुआ दिखा की अभी शुरुआत है कोई भी ज़िंदा नही बचेगा सब बहुत भयानक मौत मरोगे बस अब देखते जाओ पहले ये गांव अपने अच्छे के लिए जाना जाता था अब ये सबसे भयानक डरावने और खौंफनाक गांव मे से जाना जाएगा जिसे तुम मिटाना चाहते थे वोह कभी नही मिटेगा। अब शुरू होगा मौत का खेल बस देखते जाओ कैसे कैसे कौन कौन मरता है ये पढ़ कर रक्षणापुर गांव के लोग डर के मारे कांपने लग गए और वो इतना डर चुके थे की रात को भी कोई सोने की नही सोच रहा था ।उन्हें डर था की पता नही आज रात क्या होगा पर उस रात कुछ नही हुआ क्युकि दानवपुर गांव उन्हें इतनी आसान मौत नही देना चाहता था उन्हें। जितना वोह तड़पे थे उस से भी ज्यादा भयानक तड़पा के मारना चाहते थे।अगले दिन सुबह रक्षणापुर गांव के लोगो ने बाहर के गांव से बहुत सारे तांत्रिक बुलवाए और पुरे गांव को मंत्रो द्वारा बंधवाया ताकि कोई भी आत्मा रूह उस गांव मे ना जा सके. पर ऐसा करके क्या वोह बच सकते थे या नही कमेंट मे बताएं। ये आपको कहानी के अगले भाग मे पता चलेगा अगर कहानी अच्छी लगे तो ऐसे लाइक करे और कमेंट बॉक्स मे टाइप करे.... साइको की दुनिया.... रक्षणापुर के साथ क्या हुआ जानने के लिए पढ़ते रहिये शिवा और रुद्रा की कहानी पार्ट -4