दानवपुर गाँव को मिली मुक्ति शिवा ओर रुद्रा की कहानी पार्ट -5
दानवपुर गाँव को मिली मुक्ति शिवा ओर रुद्रा की कहानी पार्ट -5
दोस्तों जैसा की पिछले भाग मे बताया गया था की पुरे गाँव ने तांत्रिक के दिए हुए क्लावो को सबने अपने हाथो मे बांध लिया था उन्होंने सोचा की अब वो अब दानवपुर गाँव से सुरक्षित है वो उनका कुछ नहीं कर सकते पर ऐसा नहीं हुआ क्युकी तांत्रिको ने जो क्लावे सभी गाँव वालो को बाँधने के लिए दिए थे वो देखते ही देखते काले पड़ गए तांत्रिको के सभी मंत्र असफल होने लग गए ऐसा लग रहा था मानो जैसे तांत्रिको के दिए हुए क्लावो ओर मंत्रो का उन पर कोई प्रभाव पड़ ही ना रहा हो तांत्रिको ने गाँव को मंत्रो से सुरक्षित किया था पर जैसे ही रात के 8 बजे रक्षनापुर गाँव मे अजीबो गरीब घटनाए होने लग गई ओर दानवपुर गाँव पहले के जैसे जगमगा उठा रक्षणनापुर के सभी लोग ओर तांत्रिक इस सोच मे पड़ गए की ऐसा कैसे हो सकता है हमारी तंत्र विद्या असफल कैसे हो सकती है इन सब के पीछे कौन सी ताकत है ये साधारण आत्मा का काम नहीं हो सकता इसके पीछे जरूर कोई वजह है
हाँ दोस्तों तांत्रिको का सोचना सही है ये कोई साधारण आत्मा का काम नहीं है क्युकी मानवपुर गाँव के लोग बहुत बहुत अच्छे थे उनकी नेकी के आगे तो सब झुक जाया करते थे पर रक्षणनापुर के लोगो ने मानवपुर को दानवपुर गाँव मे बदला इसलिए अब दानवपुर के दानवो का साथ देने के लिए साइको डेविल को आना पड़ा जो के शैतानी दुनिया का राजा कहा जाता था साइको डेविल दानवो को मुक्ति दिलाता है अगर साइको डेविल दानवपुर का साथ ना देता तो दानवपुर गाँव मर के भी अपना बदला ना ले पता क्युकी जो तांत्रिको ने मन्त्र से गाँव को बाँधा था वो टूट नहीं सकते ओर ना ही कलावे का कोई तोड़ था इसलिए साइको डेविल को आना पड़ा को तांत्रिको के मंत्रो से दानवपुर गाँव को आज़ाद किया ओर क्लावे के मंत्रो को भी असफल कर दिया...
उसके बाद दानवपुर गाँव वालो ने बोला की जैसा उन्होंने हमारे साथ किया था हम उससे भी बहुत बुरा अब उनके साथ करेंगे ओर ऐसा बोलते ही वो रक्षनापुर गाँव के तरफ बढे ओर जो तांत्रिक रक्षणनापुर गाँव वालो को बचाना चाहते थे उन्हें तड़पा तड़पा कर रक्षणनापुर गाँव वालो के आगे ही मार डाला ये सब देख के वो ओर ज्यादा डर गए ओर उनकी एकता से रहने की बात भी धरी की धरी रह गई सब ये देखते ही इधर उधर अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे ओर फिर दानवपुर गाँव के दानवो ने रक्षणनापुर के लोगो को धीरे धीरे करके जिन्दा जलाना शुरू किया पर उन्होंने किसी को भी पूरी तरह से नहीं जलाया उन्हें आधा आधा जला कर तड़पने के लिए छोड़ दिया रक्षणनापुर के गाँव वालो के आगे उनका परिवार जल कर तड़प रहा था वो रोने के अलावा कुछ कर नहीं पर रहे थे वो दानवपुर गाँव वालो से अपने जीने की भीख मांग रहे थे वो बोल रहे थे उनसे बहुत बड़ा पाप हुआ है उन्होंने गुस्से मे जलन मे बहुत बड़ा पाप कर दिया था अब तुम हमारी लाचारी पर तरस खा कर हमें छोड़ दो.. परन्तु दानवपुर गाँव का गुस्सा अब शांत होने के स्तर पर नहीं था वो अपना पूरा प्रकोप उन पर दिखा रहे थे तभी रक्षणनापुर के निवासियों ने कहा अगर आप सब हमें जिंदगी नहीं दे सकते तो हम सबको एक साथ मौत दे दीजिये पर ऐसे हमारे ही आगे हमारे घर वालो को तड़पा तड़पा के मत मारो.. दानवपुर गाँव के दानव उन्हें इस तरह जला रहे थे की उन्हें उस हाल मे देख कर किसी की भी रूह काँप जाए दानव पुर गाँव के दानवो ने उन पर बिलकुल भी तरस नहीं खाया ओर रक्षणनापुर गाँव की सभी महिलाओं को जिन्दा जमीन मे गाड़ दिया ओर उनकी रूह को तंत्र मंत्र द्वारा वही उसी जगह कैद कर दिया उसके बाद जितने भी लोग गाँव मे बच गए थे वो जी तो रहे थे कुछ लोग आधे जल कर तड़प रहे थे उनके इलाज के लिए कोई आ नहीं सकता था ओर वो अपने गाँव से कहीं जा नहीं सकते थे कुछ लोग ऐसे तड़प तड़प कर मरते गए ओर जो कुछ बचे थे उन्हें कुछ खाने को नहीं मिल रहा था वो भूख प्यास से तड़प रहे थे फिर उन्होंने खुद को ही जला लिया ओर मर गए... ओर फिर मिली दानवपुर गाँव को मुक्ति ओर वो साइको डेविल की दुनिया से बाहर निकले..
कभी भी अपने फायदे के लिए दुसरो को नुकसान ना पहुँचाए ना ही उनकी भावनाओं को ठेस पहुँचाए... सभी मिल कर रहे खुश रहे..
फिर मिलते है अपनी अगली कहानी के साथ...