खूनी मटका
खूनी मटका
हेलो दोस्तों साइको डेविल की दुनिया मे आपका स्वागत है ,आज मैं जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ ये कहानी राजस्थान गाँव अजेरी की है यह एक छोटा सा और प्यारा सा गाँव है जो की बहुतसुन्दर गाँव है, सभी लोग मिल झूल कर रहते है, इस गाँव मे सभी समय से सो जाते है, और सुबह भी जल्दी उठ जाते है इसी प्यारे से गाँव मे एक लड़का लड़की ने सच्चा प्रेम किया था जो की एक दूसरे से बहुत ज्यादा प्यार करते थे और उन्होंने एक दूसरे से शादी करने का भी मन बना लिया था , जो प्रेमी जोड़ा था उनका नाम वासु और अवनि था, वो दोनों ऐसे प्रेमी थे जो की एक दूसरे को बचपन से बहुत ज्यादा प्यार करते थे और बड़े होने पर भी उतना ही प्यार करते थे दोनों के प्यार मे वक़्त के साथ भी कोई बदलाव नहीं आया, दोनों का प्यार दिन पर दिन बढ़ता गया अब ऐसा वक़्त आ गया था की वो एक दूसरे के लिए कुछ भी कर सकते थे और वो करते भी थे वो दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे परन्तु आप तो जानते ही है दुनिया मे प्यार के कई दुश्मन पैदा हो जाते है तो यही उनके साथ हुआ, लड़की बहुत गरीब परिवार से थी और लड़का अच्छा परिवार से था पर वासु अवनि को हमेशा बोलता था की गरीब अमीर कुछ नहीं होता हम सब इंसान है, पैसे हमारे जीवन को बस अच्छा बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है ना की किसी को उच्चा निचा दिखाने के लिए ,अमीर भी खाना खा के ही जिन्दा रहता है और गरीब भी तो आज की बाद कभी अपने आप को गरीब मत बोलना," तुम्हारा दिल बहोत अच्छा है अवनि तुमने मेरी ज़िन्दगी मे आ के मेरे जीवन को सुधारा है मेने कभी किसी से प्यार नहीं किया था पर तुमसे मिल कर ऐसा लगा जैसे तुम्हारे बिना जी ही नहीं सकता है इसलिए अब से तुम मेरी जिंदगी का हिसा हो और तुम्हे कुछ भी चाहिए हो तो बता देना मे तुम्हे हर ख़ुशी देना चाहता हूँ ." तभी अवनि ने बोला "मैं कुछ मांगू तो तुम दोगे" तो वासु ने कहा "तुम एक बार बोल के तो देखो तुम बोलो तो जान दे दू तभी" अवनि ने कहा "अरे नहीं बाबा मुझे ऐसा कुछ नहीं चाहिए" तभी अवनि ने कहा की "मुझे ना मटके का पानी पीना ना बहुत अच्छा लगता है उसमे बहुत अच्छी खुशबु आती है मिट्टी की खुशबू मे एक प्यार छलकता है" तभी वासु ने बोला "चल पगली मटका क्या तुम्हारे लिए फ्रीज़ लाता हूँ और टीवी ए सी सब लाता है जिस जिस चीज की जरुरत घर मे होती है, अवनि ने बोला "वासु नहीं मुझे ये सब नी चाहिए मुझे बस एक मटका चाहिए तुम्हे मेरी कसम है कुछ और मत लाना बस एक मटका लाना मेरे लिए" तो वासु ने हस कर कहा "ठीक है पगली मे ले आऊंगा तू सच मे पागल ही है अगली बार जब तुझसे मिलने आऊंगा तो मटका लेता आऊंगा" ये सुन कर अवनि बहुत खुश हो जाती है और उसके चेहरे पर एक अलग ही स्माइल रहती है और वो मिल कर घर चली जाती है!
वो दोनों एक दूसरे से उस समय चिठ्ठी भेज भेज कर बात किया करते थे क्युकी उस समय मोबाइल फ़ोन नहीं हुआ करते थे तो अवनि घर आते ही चिठ्ठी लिखने लग जाती वासु के लिए अवनि के साथ दिन भर जो जो हुआ करता था वो एक डायरी मे दिया करती थी उसके साथ जो भी अच्छा बुरा होता था सब लिखती थी ऐसे ही अवनि ने अपने प्यार के बारे मे सब कुछ उस डायरी मे लिखा हुआ था और उसने उस डायरी को घर के पीछे गड्डा खोद कर एक पोलोथिन मे लपेट कर रखा करती थी ताकि वो किसी के हाथ ना लगे.... अब जैसे ही अवनि सुबह सो कर उठी उसने घर का सारा काम कर लिया ताकि वो जल्दी सी वासु के पास जा सके उसके साथ समय बिता सके फिर रोज की तरह अवनि घर पर माँ को बोल कर चली गई की "माँ मे लकड़ी लेने जा रही हूँ थोड़ी लेट हो जाऊ तो घबराना मत" इतना कह कर अवनि घर से चली गई और वासु भी उसका घने जंगल मे इंतजार कर रहा था फिर अवनि को आते देख वो बहुत खुश हो गया जैसे ही अवनि पास आई वासु बोला अवनि मे तुम्हारे लिए कुछ लाया हूँ पर अवनि को पता था की वो मटका लाया होगा तभी वासु ने मटका लिया और अवनि को दिया की लो तुम्हारा सबसे प्यारा तोहफा तुम्हारे लिए ले आया वो मटका लेकर बहुत खुश हूँ ई और वासु को गले से लगा लिया फिर दोनों ने एक साथ समय बिताया और अपने अपने घर की और रवाना हो गए अवनि ने घर जा कर बोला माँ आज एक बूढी माँ ने मुझे बोला की बेटी कटी लकड़ी मुझे दे दे इसके बदले नया मटका लेले मे मटके बनाती हूँ अवनि की माँ भी खुश हो गई की ये तो बहुत अच्छी बात है बेटी इसमें पानी भार के रख दे अब अवनि ने कहा ठीक है माँ सब हसीं ख़ुशी चल रहा था और दोनों जल्दी ही शादी करने भी वाले थे तभी उनके प्यार पर किसी की बुरी नजर पड़ गई और तुम तो जानते ही हो बुरी नजर तो पहाड़ मे भी दरार डाल देती है फिर उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जो की बहुत भयानक था उनके साथ क्या हुआ जानने के लिए पढ़ते रहिये साइको डेविल की खुनी मटके की कहानी पार्ट -2
फिर मिलते है कहानी के अगले भाग के साथ!!!