शापित आइना
शापित आइना
ज़ुर्म करके कमाए गए पैसों से सज संवर के जब वो आईने सामने खड़ा होता तो खुद को किसी हीरो से कम नहीं समझता था ।
आईने के सामने खड़ा एक इंसान जो कि जुर्म की दुनिया का बादशाह था, सारा शहर उसके खौफ में जीता था, न जाने कितने घर तबाह किए उसने एक समय पुलिस के साथ मुठभेड़ में वह बुरी तरह जख्मी हो गया बस किसी तरह बच गया था,
जब उसे होश आया तो उसने उठने की कोशिश की पर उठ न सका उसके पैरों को लकवा अपनी चपेट में ले चुका था ।
एक दिन वो आतताई उसी आईने के सामने गया, अब वो बहुत ही लाचार मजबूर दिखाई दिया वो अपनी हालत सह न सका उसने पास ही रखा जग आईने पर दे मारा,
आज वो शापित आईना टूट चुका था जिसने पूरी ज़िन्दगी उस इंसान को केवल झूठ का अक्स दिखाया, पहली बार
आज वो सच से रूबरू हुआ था ।
" जय माता की"
