Mridula Mishra

Inspirational

4.8  

Mridula Mishra

Inspirational

शांति मिशन

शांति मिशन

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वे दोनों अमराई की ओर भागे जा रहे थे। कभी लड़की आगे बढ़ती तो कभी लड़का आगे जा निकलता। इसी भागम-भागी में अमराई तक वे पहुंच चुके थे। गर्मियों का दिन था आम का पेड़ फलों से भर गया था। दोनों बच्चों ने नीचे गिरे आमों को चुना और वहीं नमक मिर्च से उसे खाने लगे। लड़की अपने साथ नमक -मिर्च लेकर ही चलती थी और लड़का एक छोटा सा चाकू । गर्मियों के दिन में अक्सर दोनों अमराई में आते और शाम को गंगा की घाट पर वहां सीढ़ीयों पर बैठकर अपने साथ लाये चने, मुंगफली खाते।यह सब छुट्टीयों में होता था जब दोनों अपने नानी घर या दादी घर आते।लड़के का यहां नानी घर था और लड़की अपनी दादी के यहां आती थी। दोनों न जाने क्या-क्या बातें करते और खिलखिला कर हंस देते। अभी इनका बालपन था इसलिए लोग कोई तवज्जो नहीं देते थे।

दो‌ साल बाद जब दोनों गाँव आये तो कुछ शारीरिक और कुछ मानसिक बदलाव इनमें आ चुके थे। लड़की बारह साल की हो चुकी थी और लड़का चौदहवें वर्ष में प्रवेश कर चुका था। दोनों इस बार मिले तो, लेकिन अब घर बालों के नज़रों में कुछ शक सा आ गया था।अब लड़की को रोका जाने लगा लेकिन जवानी कब किसकी सुनी है दोनों किसी न किसी बहाने मिल ही लेते।

बातों का सिलसिला चलता तो फिल्मी बातें ज्यादा होतीं। हीरो-हिरोइन के किस्से होते। फिर बिदा होने का समय आ जाता।

इसबार कि बिदाई सहज नहीं थी दोनों रो रहे थे।पर,जाना तो था ही।

अगली बार पाँच सालों के बाद इनका मिलना हुआ। दोनों एक खूबसूरत युवक-युवती में बदल चुके थे।पर प्यार का महत्व अब अच्छी तरह समझने लगे थे।अब तो मोबाइल युग था अतः दोनों का आपसी वार्तालाप और बढ़ गया था।इन दोनों की इच्छा पुलिस विभाग में जाने की थी इसलिए दोनों ने इंडियन फौज ज्वाइन किया। कड़ी मशक्कत के बाद सफलता पूर्वक पास कर इंडियन आर्मी में आ गये।उन दोनों की यह इच्छा थी कि वे लड़कियों के छेड़छाड़ के मामलों को देखें।अब रात दिन दोनों इस मिशन पर काम करते।कई गुप्त नम्बर इन्होंने जनता से साझा किये थे जो विपदा के समय लड़कियों को बचा सके। इन्होंने कुछ गुप्त- चर भी लगा रखे थे।जो दहशत गर्दों की सूचना लाकर इन दोनों को दिया करते थे।रात में काम -काज से घर लौटती हुई लड़कियों के लिए भी ये सतर्क थे। सुनसान रास्तों पर इनके सिपाही सादे भेष में मौजूद रहते थे।कैब बाले,औटो बाले सभी पर इनकी नजर थी।अपराध बहुत ही कम हो गये थे।

वकीलों पर भी ये सख्त थे।उनका पैसा लेकर केस को रफा-दफा करना , तारिख पर तारिख दिलवाना इनसब पर भी ये सजग थे

अब इन्हें शादी की इजाजत लेनी थी दोनों की सहमति थी इसलिए इनकी शादी कर दी गई।

लेकिन यह बात जात-बिरादरी बालों को पसंद नहीं आई।एक दिन दोनों कोई पिक्चर देखकर चले आरहे थे तभी कुछ लोगों ने दोनों को घेर लिया और हिंसा पर उतारू हो गये। दोनों ने अपनी बंदूक निकाली और हवाई फायर कर दिया। लेकिन वे भी कम नहीं थे उन लोगों ने भी बंदूकें आदि निकाल लिए। लेकिन हवाई फायर के सुनते ही पुलिस सतर्क हो गई थी और उनसब को चारो तरफ से घेर लिया सब पकड़े गये जिनमें दो खूंखार डकैत भी थे।

दोनों पति-पत्नी पुलिस बालों की तत्परता से बहुत प्रसन्न हुए।

अमन-चैन समाज में लौटने लगा लड़कियाँ भी बेख़ौफ़ घूमने स्कूल कालेज जाने लगीं। उन दोनों पति-पत्नी का मिशन पूरा हो चुका था।अब वे दूसरी, जगह तबादले पर जाने वाले थे।


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