सेवा का सुख
सेवा का सुख
रेणुका-"अरे निहारिका ना किसी पार्टी ना सोशल मीडिया कहीं दिखाई नहीं देती हो।"
निहारिका -"नहीं यार, मेरी सासू मां की तबीयत अभी खराब चल रही है इसलिए मैं उनका ध्यान रखती हूं।इसलिए इन सब चीजों के लिए वक्त नहीं निकाल पाती।"
रेणुका -"निहारिका आजकल इन सब चीजों के लिए 24 घंटे सेवा कर भी मिलते हैं ।तुम चाहो तो मैं मेरे सास की सेवा जो करती थी उससे बात करती हूं वह उनका ख्याल रख लेगी। फिर तुम्हारे पास पैसे की भी कोई कमी नहीं है।"
निहारिका -"धन्यवाद रेणुका ,माता पिता की सेवा करने से जो सुख का अनुभव होता है मैं उसका सुख खोना नहीं चाहती।"