Ekta shwet

Inspirational

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Ekta shwet

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मजदूर दिवस

मजदूर दिवस

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मैडम जी-अरे शांता! आज क्या बात है बिरजू बड़े अच्छे से कपड़े पहने सूट बूट टाई में जा रहा है कोई खास बात है। 

शांता-हां दीदी आज इनका सम्मान है।

मैडम जी-सम्मान किस बात का?

शांता-एक मजदूर होने का सम्मान।

मैडम जी-समझी नहीं शांता। 

शांता-दीदी आज 1 मई है और मजदूर दिवस है आज बिरजू की फैक्ट्री के मालिक ने बहुत बड़ा फंक्शन रखा है और सभी मजदूरों का सम्मान होगा। साथ में परिवार जनों को भी खाने पर बुलाया है। इसलिए हम तैयार होकर जा रहे हैं। दीदी वहां शहर के सभी बड़े लोग आएंगे और तो और वहां सभी बड़े इंजीनियरों के सम्मान के साथ उन मजदूरों का भी सम्मान होगा जो अपने घर की रोजी रोटी के लिए सुबह से निकलते हैं ,सर्दी गर्मी बरसात की परवाह किए बिना, ईमानदारी से काम करते हैं, और अपनी मेहनत का कण-कण लगा देते हैं। जिससे कंपनी की बेहतरी हो सके देश की तरक्की हो सके।

मैडम जी- सही कहा शांता यह नींव की ईंट यह मजदूर ही तो है जो इतनी मेहनत करते हैं तभी तो विकास का क्रम चल रहा है।

शांता- नहीं दीदी सब मिलजुल कर काम कर रहे हैं सब अपने अपने कार्य के लिए वफादार हैं। मैडम जी जब आप लोग बच्चों को पढ़ाते हो तो बच्चों का जीवन बनता है।

 एक डॉक्टर भी अपना घर परिवार छोड़कर मरीजों को बचाता है एक इंजीनियर बड़े-बड़े नक्शे तैयार करते हैं। पढ़े-लिखे लोग नई नई टेक्नोलॉजी लाते हैं। तब देश का विकास होता है ।

 मैडम जी-शांता तूने तो बहुत बड़ी बात कह दी। सच में यह तभी हो पाता है जब सारी टीम मिलकर काम करती हैं। यानी एक नींव की ईंट छोटे से लेकर बड़े अफसर तक।

 अच्छा शांता मजदूर दिवस की तुम लोगों को बहुत-बहुत बधाई।


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