Padma Agrawal

Inspirational

4.5  

Padma Agrawal

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सेल्फी

सेल्फी

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‘ईशा मैं देख रही हूं कि तुम दिन भर अपने फोन के साथ ही खेलती रहती हो" इतना कहते हुये विभा ने बेटी के हाथ से मोबाइल झपट कर छीन लिया था

“मॉम , प्लीज देखो तो , मैंने अपनी सेल्फी फेसबुक पर पोस्ट की तो थोड़ी देर में ही 100 लाइक्स आ गये । और मॉम कमेंट्स तो पढो मजा आ जायेगा .... कोई हॉट लिख रहा है तो कोई सेक्सी .... कमाल हो गया ।" वह खुशी के मारे अपनी मां से लिपट गई।

“ईशा ,तुमने फेसबुक पर अपनी फोटो क्यों पोस्ट की ....तुरंत डिलीट करो .....’’

“मॉम आप कमेंट्स तो पढिये मजा आ जायेगा ...’’

तभी ईशा की दादी सरला जी कमरे में आ जाती हैं .... “क्या हुआ ... क्यों नाराज हो रही हो विभा ‘’

“मम्मी जी ये 18 साल की हो गई है लेकिन नासमझी के काम करती रहती है ... आजकल समय खराब है , सारे न्यूज चैनल और पेपर रेप की खबरों से भरे रहते हैं । मुझे तो ईशा के लिये हर समय डर ही लगता रहता है ।‘’

“विभा जो डरा वह मरा .... सभी के बच्चे बड़े होते हैं , उसे अच्छे बुरे की पहचान करना सिखाओ । उसने फेस बुक पर फोटो पोस्ट कर दी तो क्या हुआ... इसमें नाराज होने वाली भला क्या बात है ... आजकल तो सभी लोग अपनी फोटो पोस्ट करते रहते हैं ।‘’

विभा छोटे शहर और साधारण परिवार से थी ।वह अपनी सुंदरता के कारण दिल्ली जैसे महानगर में बहू बन कर आ गई । ससुर नेता जी थे , जो कपड़ों की तरह पार्टी बदला करते थे और रंगीन मिजाज पति रईस बाप का बिगड़ा नवाब रोज के रोज सुरा और साकी बदलता रहता था ।यही कारण था कि विभा अपनी बेटी के भविष्य को लेकर सदा सशंकित रहती थी । वह हर समय डरी और सहमी रहती थी ।

“मम्मी जी य़े हर समय शीशे के सामने खड़ी होकर तरह तरह से मेकअप करती है ... सजती संवरती है ...स्टाइलिश हेयर स्टाइल बनाने के तरीके सीखती रहती है । तेज आवाज में इंग्लिश गाने सुनती है और इंग्लिश मूवी भी देखा करती है ‘’

“विभा समझदार बनो ,तुम अपना समय भूल गईं ... जब कॉलेज कट कर के पिक्चर जाती थीं और फिल्मी मैग्जीन कोर्स की किताबों के बीच में रख कर पढती रही होंगीं ।‘’

“मम्मी जी सलिल इसका एडमिशन कोएड कॉलेज में करवाने को कह रहे हैं । एक तो यह इतनी सुंदर और नाजुक सी है , लड़कों के कमेंट्स को कैसे झेल पायेगी ....’’

“माई डियर मॉम , लो गरमागरम अदरक वाली चाय पियो ‘’वह अपने हाथो से चाय दादी और मां को देती है ।

“मॉम , डोंट वरी ...आपकी बेटी किसी लफड़े में नहीं पड़ने वाली ... कहते हुये प्यार से उनसे लिपट गई ।

सरला जी अपनी बहू को समझाती हुई बोली विभा ‘’मैं तुम्हारे डर को समझती हूं सलिल के रोज रोज के नये स्कैण्डल के कारण तुम्हारा परेशान होना स्वाभाविक है । लेकिन अपनी बेटी पर विश्वास करो । मैंने भी इस तरह की विषम परिस्थितियों को झेला है ।‘’

तभी विभा की बचपन की सहेली मनीषा आ गई , वह एक कंपनी में मार्केटिंग हेड है और वह विभा के लिये उसका रोल मॉडल है ।सरला जी उठते हुये बोलीं , ‘तुम दोनों बातें करो , मुझे एक मीटिंग में जाना है । मनीषा अपनी सहेली को समझाने की कोशिश करना .’।

मनीषा ने ईशा को गले लगा कर प्यार किया , ‘माई स्वीटी , लुकिंग वेरी नाइस ...’

“थैंक्स आंटी , वह फुसफुसा कर बोली ,‘मॉम ने बहुत तंग कर रखा है’

“कैसी हो विभा ? परेशान सी दिखाई पड़ रही हो कोई प्रॉब्लम है तो बताओ ....’’

“कुछ खास नहीं , ये बड़ी हो रही है ... रोज रेप की खबरें सुनती हूं तो डर जाती हूं ‘’

“विभा तू भी .... यह बता कि सड़क पर रोज एक्सीडेंट होते हैं तो इस डर से लोगों ने क्या सड़क पर चलना बंद कर दिया ... न ही गाड़ियां चलनी बंद होती हैं और न ही इंसान सड़को पर चलना बंद कर सकता है ।‘’

“तुम्हें बहुत डर लगता है तो ईशा को जूडो या कराटे क्लासेज ज्वायन करवा दो ... वह अपनी सुरक्षा स्वयं कर लेगी । “

“आंटी मॉम तो चाहती हैं कि मैं किताबों से ही अपना सिर घुसाये रहूं ... बॉलकनी पर खड़ी हो जाऊं ... कोई हेयर स्टाइल ट्राय करूं .... बस नाराज होने लगती हैं .... ट्यूशन से घर पहुंचने में 5 मिनट की देर होगी तो हंगामा करके रख देती हैं ।मेरी सारी फ्रेंड़स अपने ब्वाय फ्रेंड्स के साथ पिक्चर जाती हैं .... मस्ती करती हैं ...लेकिन मैं कभी भी कहीं नहीं जा सकती .... आंटी वैसे तो मुझे खुद ही लड़कों के साथ दोस्ती करना पसंद नहीं है परंतु हर समय की पूछा ताछी ... टोकाटाकी से मेरा मूड खराब हो जाता है । “

“ईशा , तुम्हारी शिकायतें समाप्त हो गई हों तो तुम अपने कमरे में जाकर पढाई करो ..’’

“मॉम मुझे थोड़ी देर आंटी से बात कर लेने दो 15 मिनट बाद मैं अपने कमरे मे पढ़ने के लिये चली जाऊंगीं।‘

“ईशा अपने फ्रेंड्स के बारे में बताओ .... “

उसने आंखों से इशारा किया तो मनीषा ने विभा से कहा , ‘य़ार एक कप चाय पिला , सीधा ऑफिस से आ रही हूं ...’

अब मजबूरन उसे चाय बनाने के लिये वहां से किचेन में जाना पड़ा ....

“आंटी , मॉम मुझ पर शक करती हैं ...मेरे फोन के मेसेज और लैपटॉप खंगालती रहती हैं ‘’

“यह तो बहुत गलत बात है ..’’

“आंटी मैंने अपनी फोटो पोस्ट की तो 30 फ्रेंड रिक्वेस्ट आई तो मैंने मस्ती में एक को क्लिक करके चैटिंग शुरू कर दी । उसने लिखा कि मुझसे दोस्ती करोगी ...... ‘मैंने लिखा मैं बहुत भद्दी , मोटी , काली और टोटली अगली हूं .... इसीलिये मेरा कोई दोस्त नहीं है ।‘

“ लेकिन मैं दोस्ती करूंगा .... क्यों कि तुम लड़की हो और मस्ती के लिये केवल लड़की की जरूरत होती है .... काली ,मोटी, भद्दी .... सब चलेगी ...बताओ कल शाम 5 बजे कहां पर मिलोगी ? सूनसान जगह मिलना .... “

“ मस्ती के लिये गंदे नाले में डूब मरो ..। 

“लिख कर उसका नंबर ब्लॉक कर दिया । ‘’

‘’तुम्हारे पापा के रोज के नये नये स्कैण्डल से ज्यादा परेशान रहती हैं ।‘’

“ मैं समझती हूं , इसीलिये तो उन्हें खुश रखने की कोशिश करती रहती हूं । “

 छोटी सी लड़की के दिमाग के अंदर इतना कुछ भरा हुआ है, देख कर मनीषा को बहुत अच्छा लग रहा था ।

“ आप मॉम को समझाइये कि मैं अब बड़ी हो गई हूं , जैसे ही ड्रेस अप होती हूं, मुझे देखते ही डांटने लगती हैं ....कहां जा रही हो ....किसके साथ जा रही हो ...तुमने ये टॉप क्यों पहना .... कान में ये क्या लटका लिया .... सारी बंदिशें मेरे लिये .... स्लीव लेस टॉप नहीं पहनो .... शॉर्ट्स मत पहनो ....लिपिस्टिक मत लगाओ ....किसका फोन .... किसका मेसेज ....जैसे उनके हजारों हजार प्रश्न से तंग आ चुकी हूं ‘’

विभा के आते ही वह उड़न छू हो गई थी लेकिन आंखों आंखों से ही रिक्वेस्ट कर गई थी ....

‘विभा तुम चाय बहुत अच्छी बनाती हो .... तुम्हारी बेटी बहुत समझदार है ....’

“ मनीषा , तुम मेरे घर का माहौल तो जानती ही हो । घर में जब तब पीने पिलाने वाली पार्टिय़ां होती रहती हैं । बाप बेटे साथ बैठ कर पीते पिलाते हैं । सैकड़ों लोग आते हैं .... यह कूद कर दादू दादू करती हुई पहुंच कर उन लोगों के साथ बैठ कर जोर जोर ठहाके लगाती है । यदि हॉस्टल भेजने को कहती हूं तोमुझसे चिपक कर सिसकने लगती है । ऐसा मन करता है कि इसे अपने पल्लू के अंदर छिपा कर इस गंदी दुनिया से बचा लूं... लेकिन इसे पढना लिखना है ...अपने पैरों पर खड़ा होना है ....

मेरे डांटने पर कहती है कि मॉम आप बहुत बैकवर्ड हो आपसे ज्यादा मॉडर्न तो दादी हैं आप तो मुझसे जाने क्या चाहती हैं .... तब मन करता है कि जोर का थप्पड़ लगा दूं । “

एक ओर मासूम ईशा की बातें तो दूसरी ओर विभा के मन में तैरता हुआ डर .... मन के अंदर सब कुछ गड्ड मड्ड होने लगा ....कहां खो गई ...मेरी वह विभा जो डिबेट में सबको हराकर हमेशा फर्स्ट आया करती थी ... उसके इसी आत्मविश्वास पर तो रीझ कर सरला जी ने अपने बेटे के लिये इसे पसंद कर लिया था ....

“विभा तुम कोई हॉबी क्लासेज ज्वायन कर लो ... जब तुम रोज घर से निकलोगी तो तुम्हारा आत्मविश्वास जाग उठेगा और मन में उमड़ते नकारात्मक विचारों से छुटकारा मिल जायेगा । जब दूसरों की समस्याओं को देखोगी तो समझ आयेगा कि दुनिया इतनी भी बुरी नहीं है .... जब तुम अपने को बिजी रखोगी तो तुम्हें दिन भर ईशा की चिंता करने का समय ही नहीं मिलेगा ....’’

“ दोनों मां बेटी मिल कर फेसबुक के कमेंट्स पर ठहाके लगा कर देखो , कितना मजा आता है ।‘’दरवाजे की ओट से ईशा की मासूम मुस्कान देख कर उनका मन हल्का हो गया था...

वह फुसफुसा कर थैंक्स बोली .... मनीषा के चेहरे पर मुस्कान आ गई थी ।




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