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Sumit Mandhana

Tragedy

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Sumit Mandhana

Tragedy

सामाजिक शोषण -" फर्स्ट नाइट"

सामाजिक शोषण -" फर्स्ट नाइट"

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फर्स्ट नाईट सुनने में ही कितना रोमेंटिक शब्द लगता है। रोमांच की अनुभूति से भरा हुआ । लेकिन सभी फर्स्ट नाईट रोमांटिक नहीं होती! यह कहानी है सुनिल नाम के नौजवान की पौने 6 फुट का हष्ट पुष्ट बन्दा। एक विवाहित पुरुष दो बच्चों का पिता। एक बार देखने में तो कोई भी धोखा खा जाता क्योकी वह अपनी उम्र से कम ही दिखता था !कुछ समय पहले तक उसका भी वैवाहिक जीवन अच्छे से चल रहा था । जीवन में सब कुशल मंगल था। जीवन जीने के लिए जो भी जरूरत होती है , वह सब वो अच्छे से पूरी कर रहा था और अपने परिवार के चेहरे पर खुशी लाने के लिए रात दिन जी तोड़ मेहनत कर रहा था।पर कहते हैं ना खुशियों को जमाने की नजर लग जाती है। उसकी पत्नी सुमन के साथ उसकी आए दिन नोक झोंक होती रहती थी । लेकिन छोटी मोटी तकरार इतना बड़ा रूप ले लेगी, ये किसी ने नहीं सोचा था! उनके बीच में मतभेद जरूरत था पर मनभेद कभी नहीं हुआ था।

 

लेकिन पता नहीं क्यो पिछले कुछ सालों से सुमन का व्यवहार एकदम बदल गया था। उसे शुरू से अपने पढ़ाई का, अपने मायके वालों के पैसे का बहुत घमंड था और उसके मायके वाले भी हर छोटी से छोटी बात में उसका ही पक्ष लेते थे । यही वजह थी इन दोनों के बीच इतनी बड़ी दीवार आकर खड़ी हो गई थी।

रोज-रोज के झगड़ों से और तानो से तंग आकर आखिर सुनील ने अलग रहने का फैसला कर लिया। कानूनन हक से दोनों बच्चों को सुमन ने अपने पास रख लिया और और उसके हिस्से में आई तन्हाई!! वह अपना बसा बसाया घर छोड़कर चला गया। वो पूरी तरह से टूट गया था , बिखर गया था लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और सोचा फिर से नए जीवन की शुरुआत की जाए । 

बस यही सोच कर वह गेस्ट हाउस में पेइंग गेस्ट तरीके से रहने के लिए चला गया। सुबह में सारी फॉर्मेलिटी पूरी करने के बाद वह अपने काम पर निकल गया। लेकिन जब रात को लौटा तो उसे ऐसा लगा जैसे उसका ग्रह प्रवेश हो रहा है और आज उसकी फ़र्स्ट नाईट है।

फर्स्ट नाइट तो थी ही साहब, लेकिन संवेदना, ट्रैजडी और दुख से भरी हुई । आखिर आज पहली बार अपने बीवी बच्चों के बिना वह अकेला तन्हा रात काटने वाला था। एक ऐसी जगह पर जहां सभी कुंवारे लड़के थे और वह अकेला एक शादीशुदा पुरुष।




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