anuradha nazeer

Abstract

5.0  

anuradha nazeer

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साहस

साहस

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एक नगर में एक राजा रहता था।वह सूर्य की पूजा करने के बाद हर सुबह अपना काम शुरू कर देता था।एक सुबह उसने हमेशा की तरह खिड़की से पूर्व की ओर देखा।लेकिन वहाँ एक भिखारी का चेहरा दिखाई दिया।वो सूरज को नहीं देख पाया।राजा उसके के प्रति उग्र हो गया।उसने भिखारी को वहां से हटाने का आदेश दिया लेकिन भिखारी नहीं हटा। मार पीट में उसके माथे की चोट से खून बहने लगा।उग्र राजा ने भिखारी को घसीटने के लिए कहा।नौकरों ने भिखारी को घसीटा।शाही परिषद इकट्ठी हुई।उसने उस भिखारी को फांसी पर लटकाने का आदेश दिया। भिखारी हँसा और मुस्कुराया।राजा गुस्से में था।उसने पूछा कि "तुम क्यों हंस रहे हो?" उसने इसके बाद राजा से कहा "मुझे देख कर आपको दुख हुआ लेकिन आपको महाराजा के रूप में देखकर खुशी हुई।आपको मेरे सिर पर हाथ फेरना पड़ेगा।मेरी जान निकलने वाली है।"

जब राजा ने यह सुना, तो वह चौंक गया।उसने उससे माफी मांगी।


साहस आत्मविश्वास का प्रतीक है



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