रिश्तों में प्यार
रिश्तों में प्यार
रिश्ता तो किसी के भी साथ बनाए जा सकता हैं। पर उनमें प्यार का रंग भरते भरते, कई और रिश्तों में दरार आ जाते हैं। रिश्ते की नींव है, प्यार। जब कभी भी प्यार बंटता है तो कई रिश्ते डगमगाने लगते हैं। रिश्ता एक पोटली की तरह होता है,जब वह बंधा रहता है तो सब एक होते हैं और जैसे ही वह पोटली खुल जाती है सारे रिश्ते बिखर जाते हैं।
रिश्ते को निभाना किसी कहते हैं, यह रानी से जाने।
रानी अपने मां कि लाडली बेटी है, वह हमेशा अपने मां को कहती, मां मैं तो बस आप कि रानी हूं। उसकी मां उसे छेड़ने के लिए कहती थी कि जब कोई राजकुमार घोड़े पर सवार होकर आएगा तो तुम उसके दिल की रानी बन जाओगी। अब यह बताओ कि एक रानी किस किस के साथ रहेगी। रानी कहती हैं कि वह सिर्फ अपने मां के साथ रहेगी। यह मां बेटी का रिश्ता उसके आस पास के सभी लोग जानते थे कि इन दोनों मां बेटी की जान एक दुसरे में बसती है। बेटी बड़ी हो गई है और वह शादी के लायक हो गई है। यह सब कुछ सोच कर रानी के माता-पिता ने उसकी शादी करवा दी। रानी का विवाह एक ऐसे परिवार में हुआ जहां लोग रिश्ते नाते बहुत अच्छी तरह से समझते थे। यह जानकर रानी को बहुत अच्छा लगा। पर कहीं न कहीं वह इन रिश्ते नातों में ऐसी उलक्ष गई कि उसने अपने मां के ओर ध्यान नहीं दिया। और उसकी मां उसे हर घड़ी याद करती। रानी कई दिनों बाद अपने मायके आई है सब लोग बहुत खुश हैं और मां कि खुशी का तो ठिकाना ही नहीं है। वह बहुत खुश थी कि उसकी बेटी आई है और कुछ दिन रह कर ही जायेगी।
जब रानी ने अपने मां को यह कहते हुए सुना तो वह अपनी मां को बता नहीं पायी कि वह आज रात को ही निकलने वाली है और वह अपने सास के निर्देशो का पालन करने में चुक जाती है और जब वह कई दिनों बाद अपने ससुराल वापस जाती है तो उसके और उसकी सास के रिश्ते में खटास आ जाती है। फिर भी रानी अपनी पुरी कोशिश करती है और अपनी सास को एक भी सिकायत का मौका नहीं देती। लेकिन रानी अपने रिश्ते को संवारने के बदले उलझा रही थी। वह समझ नहीं पा रही थी कि मां और सास के रिश्ते को कैसे संभाला जाए? वह अपने रिश्ते को संभाल रही थी, उनमें प्यार कि जरूरत है वह समझ नहीं पा रही थी। यह ना समझ उसके लिए बहुत सारी परेशानियां पैदा करने वाली है। रिश्ते बहुत कमजोर हो जाते हैं जब वह उलझ जाते हैं।
रानी कि सांस और मां दोनों बहुत बिमार थे। उन दोनों कि हालत बहुत गंभीर थी । रानी उलझ सी गई थी।
एक शाम रानी की मां और उसकी सास का निधन हो गया। रानी ने अपने ससुराल में रह कर अपनी सास को अंतिम विदाई दी। और वह अपनी मां के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाई। रानी ने अपने रिश्ते को समय दिया लेकिन प्यार नहीं।
