बहती नदी
बहती नदी
राम्या अपने परिवार के साथ लालगढ़ के छोटे से गांव में रहता था। उसके घर से कुछ दुर बहुत बड़ी नदी थी। नदी का पानी साफ और ठंडा था। और आसपास अच्छी हरियाली भी थी। राम्या को उसका गांव बहुत अच्छा लगता था। वह अपने परिवार के साथ मिलकर मछली पकड़ने का काम करता था। और वे लोग नदी को साफ सुथरा रखते थे।
कुछ दिन बाद वहां एक अमीर आदमी आया। उसने नदी के आसपास के सभी स्थान को देखा। और नदी के कुछ ही दुर पर एक कारखाना बनवाया। पहले लोगों ने ऐतराज जताया लेकिन उसकी ताकत के आगे सब पीछे हट गए। २ साल के अंदर वहां शरबत बनाने का कारखाना बन गया और काम भी चालू हो गया। उस कारखाना के कारण नदी में गंदगी पैदा होने लगी।
कारखाने का गंदा पानी नदी में छोड़ा जाता। और इससे नदी में मछली भी मरने लगी। लोगों का रहना उस जगह पर भारी पड़ रहा था। एक दिन राम्या के सपने में नदी आती है और कहती हैं कि, ‘मुझे उस कारखाने का गंदा पानी मैला कर रहा है। मैंने उसका क्या बिगाड़ा है? और कोई कुछ बोलता क्यों नहीं उसे। एक तरफ लोग मेरी पूजा करते हैं और दूसरी तरफ लोग मुझे गंदा करते हैं। जब किसी लड़की पर तेजाब फेंका जाता है तो लोग उसके लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ते हैं। और जब कुछ लोग मेरी खूबसूरती के साथ छेड़छाड़ करते हैं तो कोई कुछ क्यों नहीं बोलता। मेरी खूबसूरती से लोगों को सुकुन मिलता है। लोग मुझे पवित्र मानते हैं और मेरा उपयोग भगवान की पूजा के लिए भी करते हैं। तो फिर क्यों लोग मेरे पवित्र नदी को गटर का नाला बना देते हैं? कुडा कचरा जमा करते हैं मेरे किनारे और उसकी गंध से मेरा दम घुटता है। और इसलिए जब मैं गुस्सा हो जाती हूं तो सुनामी और बाढ़ का रूप लेती हूं लेकिन मुझे इस बात का भी दुःख होता है कि कुछ लोगों के कारण सब को तकलीफ़ भुगतना पड़ता है।
मैं बस यही चाहती हूं कि लोग मेरी पूजा करने के साथ ही मेरा सम्मान करे। मेरा दुरउपयोग ना करें।’
सुबह हुई तो राम्या अपने सपने को याद कर रहा था कि नदी द्वारा बताए गए हर बात सच्ची है। लेकिन इन सब चीजों को कैसे रोका जाए। राम्या सोचने लगा। तभी राम्या की बहन ने बताया कि किसी एक के सोचने से नदी को गंदा होने से नहीं बचाया जा सकता। सब को मिलकर आवाज लगानी होगी। राम्या ने इस बात के बारे में गांव के लोगो से बात की।
सब लोग मिलकर कारखाने के मालिक के पास गए और उन्हें इस बारे में जानकारी दी। कारखाने के मालिक ने उनकी बात नहीं सुनी। तब गांव वाले हिंसा पर उतर आए। उनके आगे कारखाने के मालिक को झुकना पड़ा। और कारखाना बंद हो गया।
राम्या के सपने में फिर नदी आती है और कहती हैं कि, ‘तुमने मुझे मैला होने से बचाया। लोगों को साफ सुथरा पानी मिले इस बात का ध्यान रखा। मैं नदी तुम्हारे इस योगदान को कभी नहीं भूलूंगी।’