व्यवहार और विचार एक समान।
व्यवहार और विचार एक समान।
भारत एक ऐसा देश है जो अपने रिती रिवाजों का सम्मान करता है और उसे निभाता भी है। लेकिन कुछ लोग इन सभी रिती रिवाजों का मज़ाक बनाते हैं और इसका दुरउपयोग करते हैं। कुछ ऐसे लोग भी है जो इन रिती रिवाजों को ढोंग समझते है। ये सारे रिती रिवाज हम और आप द्वारा बनाए गए हैं। तो लोग विश्वास करने की बजाय अंधविश्वास क्यों करते हैं। उनका व्यवहार रिती रिवाजों के प्रति सकारात्मक क्यों नहीं होता है। किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार नहीं है कि वह बनाए गए नियम और कानून का उलंघन करें।
राम और जोय अच्छे दोस्त थे। वह दोनों अलग अलग धर्म के थे। उन दोनों ने अपनी दोस्ती और धर्म को अलग रखा। राम की शादी का निमंत्रण जोय के घर आया। जोय ने निमंत्रण स्वीकार किया। उन दोनों के दोस्ती के किस्से बहुत मशहूर थे। सभी लोग उनकी दोस्ती का सम्मान करते थे। राम हिंदु धर्म का था और उसके विवाह में हो रहे सभी रिती रिवाज हिंदुओं द्वारा बनाए गए थे। जोय सभी धर्मों का सम्मान करता था। लेकिन राम के शादी में कुछ ऐसा हुआ कि लोग सोचने पर मजबूर हो गए। राम कि कुंडली में दोष है और उस दोष को खत्म करने का केवल एक ही उपाय था कि किसी जीव की बलि देनी होगी। लोगों के व्यवहार से लगता है कि वह किसी को भी चोट नहीं पहुंचाना चाहते हैं लेकिन अंधविश्वास में आकर वह किसी जीव का प्राण ज़रूर ले सकते हैं और यह सब रिती रिवाज हम मनुष्यों द्वारा ही बनाए गए हैं। जोय ने राम की शादी में कोई बखेड़ा नहीं करना चाहता था लेकिन उससे यह सब कुछ देखा नहीं जा रहा था। उसने रोकने का प्रयास तो नहीं किया लेकिन जोय ने राम को समझाया कि "जिस तरह हम किसी की संतान हैं और परिवार है वैसे ही यह जीव जंतु भी किसी की संतान और परिवार है और यह अधिकार किसी को भी नहीं है कि किसी जीव की बलि देकर अपना जीवन सुधारें। वैवाहिक जीवन में प्यार और विश्वास की आवश्यकता होती है ना कि अंधविश्वास की।"
"हमें अपने विचार और व्यवहार को एक रखना होगा क्योंकि इस तरह से हम हर सही और ग़लत बात का फैसला ले सकते हैं।" राम ने जोय की हर बात को समझा और सही फैसला लिया।