नया सवेरा

नया सवेरा

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किसी अच्छी सुबह के पीछे, बीती रात छुपी होती है। हर मुश्किल से लड़कर और उसे खत्म कर जब सुबह होती है, वह बीते हुए कल को बयान करती है।

यश चोपड़ा भारतीय सेना के कप्तान थे। उनके द्वारा बनाए गए, संयंत्र से दुश्मनों के छक्के छुट जाते।और वह हर जीत को हासिल कर लेते। भारत एक ऐसा देश है, जहां हर धर्म जाति के लोग रहते हैं।

बाहरी लोगों के साथ मिलकर अपने ही देश के कुछ लोग देश को खोखला बना रहे थे। इस बात की जानकारी कप्तान यश चोपड़ा को थी। उन्होंने ने देश के अंदर हों रहे आतंकवाद को खत्म करने के लिए एक बहुत बड़ी योजना बनाई और उसे अंजाम देने के लिए कुछ ऐसे सेना की सहायता ली जो केवल क्षण भर में दुश्मनों को खत्म कर दें। इस बात की जानकारी उन आतंकवाद को हों गई थी।

उन लोगों ने भी अपनी योजना बनाई। अब तो ऐसा लग रहा था कि देश में सभी कूड़ा कचरा को बाहर फेंककर साफ सुथरा देश बनाना है। कौन है वो लोग जो देश का ही खाते और देश के साथ ही गद्दारी करते हैं। वैसे तो हर कोई अपने आप को देशवासी बताते हैं लेकिन हम सब ही गद्दारी करते हैं।कहीं पर भी कुडा कचरा फेंकते हैं, अपने देश की महिलाओं का सम्मान नहीं करते, राजनीति के कंधे पर बंदूक रखकर अपनी मनमानी करते हैं और हिंसा करते हैं। तो इस सभी बातों का मतलब यह है कि हम सब एक देशद्रोही है। कप्तान यश और उनकी टीम तैयार थी। देश के अंदर हों रहे, आतंकवाद को खत्म करने के लिए। उन्हें इस बात की खबर मिली कि इन सभी चीजों में उनके भाई भी शामिल है। उन्हें तो विश्वास ही नहीं हुआ। लेकिन अपने देश के लिए वह अपनी जान दे भी सकते थे, और अपनों की जान ले भी सकते थे। उन्होंने सभी लोगों को खत्म कर दिया जो देश के साथ गद्दारी कर रहे थे। अब वह अपने भाई को उनके किए की सजा देने जा रहे हैं।

इस बात की जानकारी जब उनके परिवार वालों को हुई, वह सब बहुत हैरान हो गए। कप्तान यश के भाई की पत्नी गर्भवती थी। इन सभी बातों को जानते हुए भी कप्तान यश पीछे नहीं हटे। और उनके भाई पर कानूनी कार्रवाई की गई। वह दोषी करार पाए गए। और उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। इसके बाद कप्तान यश के भाई उनसे मिलने आए। उन्होंने ने अपने भाई के सर पर हाथ रखा और कहा कि मैं मुजरिम हुं इस बात की ज्यादा तकलीफ़ नहीं है लेकिन इस बात की बहुत खुशी है कि मेरा भाई एक ईमानदार देशभक्त हैं। आज मेरा सर भले ही झुका है लेकिन मुझे इस बात पर गर्व है कि मेरा भाई अपने देश के साथ गद्दारी नहीं करता।

५ साल बाद कप्तान यश के भाई को फांसी की सजा दी गई। और ५ साल के उनके लड़के ने कहा कि मैं अपने चाचा कप्तान यश चोपड़ा के जैसे सच्चा और ईमानदार सेना बनकर देश की रक्षा और सेवा करूंगा। कप्तान यश ने अपने भाई के लड़के से कहा कि मैं रहूं या तुम ना रहो लेकिन भारत देश आजाद और खुशहाल रहेगा। इस बात का ख्याल हम सब को रखना है।

इस तरह से एक नया सवेरा हुआ। जो कमल की भांति खिला हुआ था। और बीती रात की बात कहीं दलदल में फंसकर रह गई।


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