STORYMIRROR

Twinckle Adwani

Drama

2  

Twinckle Adwani

Drama

रीढ़ की हड्डी

रीढ़ की हड्डी

1 min
245


बहू को इतनी आजादी सही नहींकमला मौसी आए दिन कहती

 कैसी बातें करती हो......

 मौसी 

बहू , जब घर में सब की सेवा करती है तब तो नहीं कहती थक गई 

मगर कभी अपनी खुशी के लिए 4 लोगों से मिले कहीं कुछ सीखने जाए तो आप हजार बार टोकते हैं।

 कभी मैंने काम ज्यादा कर लिया तो क्या होता है..... मौसी.

 वह भी तो दिन-रात करती है बहू हर घर की रीढ़ की हड्डी होती है उसे खुश और मजबूत होना ही चाहिए

 फिर एक औरत होकर आप उसे आगे बढ़ने से क्यों रोकती हैं।

 सुनकर कमला मौसी सोच में पड़ गई..... शायद मैंने अपनी सोच नहीं बदली इसलिए मेरी बहू मुझे छोड़ के चले गए , मन विद्या के विचारों से प्रभावित होकर सोचने लगी काश मैंने भी बहू को साथ दिया होता......

बुढ़ापे में यू बिना सहारे के ना होती.

 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama