"राम राज्य"
"राम राज्य"
भारतीय संस्कृति को बदनाम करने वाले
लोग खुद को बुद्धिमान समझते हैं।
आदर्श पुरुषोत्तम श्रीराम का मंदिर बना
कर इतराते हो।
तुम उनके पदचिन्हों पर कभी नहीं चलतें हों।
फिर क्यों जयश्रीराम उदघोष कर
उन्हें राजनीति में घसिट रहें हों।
तुमआदर्श पुरुषोत्तम श्रीराम को
क्यों बदनाम करने पर तूले हों।
कैसे तुम खुद को सच्चे रामभक्त बताते हों।
लजमरो तुम्हें जरा सी भी शर्म नहींआती हैं।
देश में बैरोजगारी भूखमरी महिलाओं
परअत्याचार बलात्कार हत्या जैसे
जंगन्यआपराधिक मामले बढ़ रहे हैं।
फिर भी अकेले तुम नक़ली रामभक्त
इसे रामराज्य बताते हों।
देश में हताशा का माहौल हैं।
चारों तरफ़अंधकार हीअंधकार हैं ।
समस्याओं का समाधान दुर दुर तक
कहीं होता नज़र नहींं आ रहा हैं।
कैसे देश में विकास होगा।
हमारे भारत देश में कैसे रामराज्य क़ायम होगा।
हमें तो कुछ समझ में नहींआता हैं।
फिर तुम लोग कैसे अनैतिकता को
रामराज्य बताते हों।
आपराधिक मामलों में पीडी़तों कि कहीं
सुनवाई नहीं होती कानून एवं
न्याय व्यवस्था लचर हैं।
प्रशासन में निठल्लेे भरें पड़े हैं।
कोई भी जनहित में काम नहीं करता हैं।
देश में भ्रष्ट अधिकारीयों राजनेताओं
का गठजोड़ हैं।
देश मेंभाई-भतीजावाद भ्रष्टाचार चरम पर हैं।
इसे कभी कोई रामराज्य नहीं कह सकता हैं।
यह तो हिटलर शाही राज हैं।
सौ में से निनान्नवे बैईमान फिर भी मेरा भारत महान् !