शालिनी गुप्ता "प्रेमकमल"

Romance

4  

शालिनी गुप्ता "प्रेमकमल"

Romance

प्यार का अधूरा रंग

प्यार का अधूरा रंग

3 mins
245


होली आने वाली थी ..और घर में चारों तरफ होली पर बनने वाले पकवानों की सौंधी सौंधी खुशबू फ़ैली हुई थी.. सभी मिलकर काम करने में लगे हुए थे, कालोनी में होली उत्सव की धूम दो दिन पहले से ही शुरू हो जाती थी और सभी मिलकर एक दूसरे के साथ मिलकर ही तैयारी करते थे.. तो आज होली पर बनने वाले पकवान इस बार मेरे यहाँ बन रहे थे l

सीमा और प्रीति दोनों ही अपनी पहली होली की यादों को हँसते हुए सुना रही थी.. उन्हें सुनते हुए उसे भी अपनी पहली होली याद आ गई और उसके गालों पर फ़िर वही गुलाबी रंगत छा गई l उस होली पर.... जब शायद उसने होली और उस पर चढ़नेवाले प्यार के रंग को पहली बार महसूस किया था l

बहुत छोटी थी वह नौ या दस साल की, होली की छुट्टियों में वह भी आया था, हमउम्र थे दोनों.. तो उसने उसे रंगने के लिए एक बाल्टी में रंग घोला और इंतज़ार ही कर रही थी कि अचानक से.. उसी बाल्टी के रंग में वह सारोबार खड़ी थी और वह सामने खड़ा हुआ हँस रहा था.. उस एक पल में क्या हुआ... उसे भी पता नहीं था.. बस कुछ अलग सा महसूस हुआ था उसे... वो क्या था वह भी नहीं जानती थी.. एक शर्म सी गालों पर तैर गई और वह अंदर को भाग गयी l

फ़िर उसे भी शरारत सूझी.. कि उसे भी कैसे छोड़ सकती हूँ.. फ़िर क्या था जैसे ही वह नहा धोकर निश्चिंत होकर बैठा.. मैने भी उसे रंग दिया ..और उसके बाद वो जो गुस्सा हुआ और पता नहीं क्या क्या कह रहा था उसे और वह उसे मंत्रमुग्ध सी देख रही थी l

"अब तू मेरे साथ खेली ना तो बताता हूँ, सुनले आज से मैं तेरे साथ कभी नहीं खेलूँगा" कहकर पैर पटकते हुए चला गया l उसके ऐसा कहते ही ना जाने क्यों आँखो में आँसू तैर गये l  

यह उसके पहले प्यार का रंग था जो उसकी बढ़ती हुई उम्र के साथ ही पक्का होता जा रहा था l लेकिन ये प्यार एक लड़की कर बैठी थी.. एक लड़का करता तो शायद पूरा भी हो जाता l

हमारे समाज में शादी से पहले लड़की से उसकी मर्जी नहीं पूछी जाती... बल्कि फ़ैसला सुनाया जाता है l यहाँ तक की जब लड़का देखने आता है तो हाँ कहने का हक भी सिर्फ़ लड़के के पास होता है, लड़की के पास नहीं l

कभी कभी लगता है कि ये शब्द "पहला प्यार" भी किसी लड़की ने ही ईजाद किया होगा..क्योंकि सबसे ज्यादा वाबस्ता भी वही होती है इससे l और शायद इसलिए ही उसके साथ ये भी जुड़ता है कि पहला प्यार कभी पूरा नहीं होता l

जैसे जैसे सात फ़ेरे पड़ते हैं और वैसे वैसे वह चेहरा, वह प्रेम .. दिल के किसी कोने में सात पर्दो में दफ़्न हो जाता है l जिंदगी आगे बढ़ती रहती हैं और जब भी प्यार की बात होती है, तो ना चाहते हुए भी, उसका चेहरा आँखो में तैर ही जाता है और साथ ही आती है, कुछ चंद बूँदे कोरों पर और वही चुपके से ज़ज्ब भी हो जाती हैं l



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance